भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम ने साल 2016 का अंत बेहतरीन अंदाज में करते हुए लगातार तीसरी बार अंडर-19 एशिया कप खिताब पर कब्जा कर लिया। शुक्रवार को श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने मेजबान श्रीलंका को 34 रनों से मात दी और खिताब अपने नाम कर लिया। भारत ने लगातार तीसरी बार इस खिताब पर कब्जा जमाया है। इससे पहले साल 2012 और 2014 में भारत ने यह खिताब जीता था।
टीम इंडिया ने पहले टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए हिमांशु राणा और शुभम गिल की बेहतरीन पारियों की मदद से निर्धारित 50 ओवर में आठ विकेट पर 273 रन बनाए। जीत के लिए 274 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंकाई टीम 48.4 ओवरों में 239 रन पर ढेर हो गई। भारत के कप्तान अभिषेक शर्मा ने शानदार गेंदबाजी करते हुए श्रीलंका के चार बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। अभिषेक के अलावा राहुल चाहर ने 3 और यश ठाकुर ने एक विकेट हासिल किया।
पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने मैच में सलामी बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन मध्य और निचले क्रम के बल्लेबाज उस शुरुआत का फायदा नहीं उठा सके। पारी की शुरुआत करते हुए हिमांशु राणा और पृथ्वी शॉ ने पहले विकेट के लिए 67 रन जोड़े। 39 रन बनाने के बाद शॉ को जयविकरमा ने पवेलियन भेज दिया। इसके बाद राणा ने शुभम के साथ पारी को आगे बढ़ाया। भारत के रन बटोरने का सिलसिला जारी रहा। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 88 रन जोड़ते हुए बड़े स्कोर की नींव रखी। जयाविकरमा ने एक बार फिर अपनी टीम को सफलता दिलाई और राणा 71 रन पर आउट कर पवेलियन वापस भेज दिया। अपनी पारी में राणा ने 79 गेंदें खेलीं। इस दौरान उन्होनें 6 चौके और 1 छक्का लगाया।
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इसके बाद कप्तान अभिषेक ने शुभम का साथ दिया और स्कोर को 200 के पार ले गाए, लेकिन 209 के कुल स्कोर पर कप्तान 29 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद जयाविकरमा ने 224 के स्कोर पर शुभम को आउट कर मैच में तीसरी सफलता हासिल की। शुभम के आउट होने के बाद टीम इंडिया लड़खड़ा गई। 245 रन तक भारत ने सात विकेट गंवा दिए थे लेकिन पुछल्ले बल्लेबाज कमलेश नागरकोटी ने अंतिम ओवरों में 14 गेंदों में 23 रन की धुआंधार पारी खेलकर टीम को 273 रनों के स्कोर तक पहुंचा दिया। श्रीलंका की ओर से जयाविकरमा और निपुन रनसिका ने 3-3 विकेट हासिल किए। वहीं थिसारू रासमिका के हिस्से में एक विकेट आया।
कप्तान अभिषेक शर्मा ने की घातक गेंदबाजी
लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंका की शुरुआत अच्छी नहीं रही। ठाकुर ने 27 के स्कोर पर श्रीलंका को पहला झटका दिया। सलामी बल्लेबाज विश्वा चतुरंगा 13 रन बना सके। दूसरे छोर पर सलामी बल्लेबाज रेवेन केली लगातार रन बना रहे थे। केली और हसिथा बोयागोदा के बीच दूसरे विकेट के लिए 78 रन की साझेदारी हुई। दोनों ने मिलकर स्कोर को 105 रन तक पहुंचा दिया। बोयागोदा(37) को अभिषेक ने अपना पहला शिकार बनाया। इसके बाद केली ने तीसरे विकेट के लिए कामिंडु मेंडिस के साथ मिलकर 53 रन जोड़े। लेकिन अभिषेक ने केली (62) को पविलियन भेज इस साझेदारी की अंत किया। केली जब आउट हुए तब श्रीलंका का स्कोर 158 रन था। इसके बाद भी अभिषेक का कहर जारी रहा। अभिषेक ने मेंडिस को अपना तीसरा शिकार बनाया और मेजबान टीम को बैकफुट पर धकेल दिया। इसके बाद श्रीलंकाई टीम उबर नहीं पाई और 50 ओवर से पहले ही ढेर हो गई। और भारत ने लगातार तीसरी बार खिताब पर कब्जा कर लिया।
फाइनल में शानदार गेंदबाजी करने वाले अभिषेक को मैन ऑफ द मैच चुना गया और पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाले हिमांशु राणा को प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब दिया गया।