आखिरकार भारतीय महिलाएं ”करो या मरो” के मुकाबले में न्यूजीलैंड को हराकर वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जा पहुंची है. एक और जहां कप्तान मिताली राज ने शतकीय पारी खेलकर टीम को संवारा, वहीं वर्ल्ड कप में पहली बार प्लेइंग इलेवन में शामिल की गईं राजेश्वरी गायकवाड़ ने अपने ‘पंच’ से कीवियों को ढेर कर दिया. इसके साथ ही जेवलिन थ्रो छोड़ क्रिकेट को करियर बनाने वाली बीजापुर (कर्नाटक) की यह लेफ्ट आर्म स्पिनर रिकॉर्ड बुक में शामिल हो गईं.कप्तान मिताली राज की बदोलत भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने विश्व कप के सेमीफाइनल में मारी एंट्री
RECORDS राजेश्वरी
– न्यूजीलैंड के खिलाफ बेहद अहम मुकाबले में राजश्वरी ने 15 रन देकर 5 विकेट चटकाए. उनका गेंदबाजी विश्लेषण रहा- 7.3-1-15-5. महिला वनडे वर्ल्ड कप में भारत की ओर से यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. उन्होंने एकता बिष्ट को पीछे छोड़ा. एकता ने इसी वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ 18 रन देकर 5 विकेट झटके थे.
– वर्ल्ड कप में भारत की ओर से बेस्ट परफॉर्मेंस
5/15 राजेश्वरी गायकवाड़ vs न्यूजीलैंड, 2017
5/18 एकता बिष्ट vs पाकिस्तान, 2017
5/21 पूर्णी चौधरी vs वेस्टइंडीज, 1997
FACTS राजेश्वरी
1. मौजूदा वर्ल्ड कप के दो प्रैक्टिस मैच खेलीं राजेश्वरी को टीम इंडिया के 7वें मैच में मौका दिया गया और उन्होंने पहले ही मैच में खुद को साबित किया.
2. 26 साल की राजेश्वरी ने 17 साल की उम्र में क्रिकेट में कदम रखा, उस वक्त वह 11वीं की स्टूडेंट थीं.
3. सरकारी प्राइमरी स्कूल में टीचर की बेटी राजेश्वरी कर्नाटक की ओर से पांचवीं इंटरनेशल क्रिकेटर बनीं.
4. क्रिकेट की गेंद फेंकने से पहले राजेश्वरी को एथलेटिक्स में रुचि थी, वह जेवलिन थ्रो में हिस्सा लेती थीं.
5. राजेश्वरी ने 2007 में 16 साल की उम्र में अपनी छोटी बहन रामेश्वरी के साथ क्रिकेट ट्रायल में भाग लिया, जिसमें कुल 270 गर्ल्स पहुंची थीं.
7. राजेश्वरी ने अंडर-19 में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व किया. पहले साल तो वह माडियम पेसर के तौर पर खेलीं, लेकिन बाद में कोच के कहने पर स्पिनर बन गईं.
8. राजेश्वरी ने 2014 में भारत की ओर से वनडे और टी-20 में डेब्यू किया. वह तीनों फॉर्मेट में इंटरनेशनल मुकाबले खेल चुकी हैं.
9. 28 वनडे में वह 52 विकेट ले चुकी हैं. उनकी इकोनॉमी 3.20 की रही है. इस दौरान तीन ही बार एक ओवर में पांच से ज्यादा रन दिए हैं.
10. राजेश्वरी का स्पोर्ट्स कोटे के तहत वेस्टर्न रेलवे में नौकरी मिल गई. जिससे पिता के निधन के बाद घर का खर्च चलाना आसान हुआ.