भीतरगांव के पसेमा गांव में कुएं से नोट निकलने की बात सुनकर पहुंचे लोग, सच्चाई पता चली तो खुद पर हंसते हुए बैरंग लौटे

जरा साेचिए ! क्या हो अगर एक कुआं अचानक नोट निकलने लगे। जी हां, कुछ ऐसी ही बात सुनकर भीतरगांव ब्लाक के पसेमा गांव में एक पुराने सूखे पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई लेकिन जब असलियत सामने आई तो सभी खुद पर हंसते हुए बैरंग लौट गए। दरअसल, इस गांव में मंगलवार शाम अफवाह उड़ी कि प्राचीन कुएं में 100, 50, 500 और दो हजार रुपये के नोट पड़े हुए हैं। इस बात की सत्यता जानने के लिए थोड़ी ही देर में लोगों की भीड़ मौके पर जुटने लगी। कुएं से नोट निकलते हुए देखने की लालसा में बड़ी संख्या में ग्रामीण जुटे और लभेड़ के फलों का गुच्छा बनाकर नोटों को निकालने की कोशिश करने लगे लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं आया।

नोटाें के नकली होने की भी रही चर्चा: पसेमा गांव में कुएं से नोट निकलने की बात सामने आई तो लोगों में नोटों के नकली होने की भी चर्चा होने लगी। अधिकांश लोगों ने इस खबर काे सत्य मानने से इन्कार कर दिया था, लेकिन बच्चे और युवा नोट देखने की होड़ में तुरंत दौड़ पड़े। हालांकि कई लड़कों ने कुएं में नोट और मोबाइल दिखने की पुष्टि की।

 

नोट लूटने की मची होड़: जैसे ही कुएं में नोट होने की अफवाह उड़ी तो काफी लोग केवल उस दृश्य को देखने के लिए मौके पर पहुंचे, लेकिन अधिकांश ऐसे लोग भी थे जो लभेड़ के फलों के गुच्छे में गोंद लगाकर नोटों को निकालने की कोशिश कर रहे थे। इस कार्य में बड़े, बच्चे और बूढ़े भी शामिल थे।

यह है पूरा मामला: भीतरगांव चौकी इंचार्ज विनोद मिश्रा के मुताबिक भीतरगांव ब्लाक के पसेमा गांव में शिव मंदिर के प्रांगण में एक कुआं बना हुआ है। चूंकि मंदिर और कुएं के प्रति लोगों में गहरी आस्था है इसलिए शादियों के समय में मंदिर के साथ कुआं भी पूजा जाता है जिसके चलते यहां रुपये डाले गए होंगे। वही रुपये कुछ लड़कों को दिखे होंगे, जिसे निकालने में लोग जुट गए। हालांकि पुलिस को मामले के बारे में जैसे ही सूचना मिली टीम तत्काल पहुंची और ग्रामीणजनों से पूछताछ भी की। लेकिन रुपये निकलने की बात किसी ने स्वीकार नहीं की।

मामले पर इनकी भी सुनिए: 

  • भीतरगांव चौकी इंचार्ज विनोद मिश्रा ने बताया कि रुपये निकलने की बात गलत है।
  • साढ़ इंस्पेक्टर संतोष सिंह ने बताया कि रुपये मिलने और निकलने की बात फर्जी है। पुलिस ने जांच की थी। कुएं में एक भी रुपये नहीं दिखे थे।
  • ग्राम प्रधान महेंद्र सिंह यादव ने भी बताया कि 100 और 50 रुपये के दो-चार नोट बच्चों ने निकाले थे। बड़े नोट मिलने की बात गलत है। गांव में ऐसा कोई भी व्यक्ति सामने नहीं आया है, जिसने नोट मिलने की बात स्वीकार की है। वहीं कुछ लोगों में नकली नोट मिलने की भी चर्चा रही।
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