प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हत्या की साजिश और भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले को लेकर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी शुक्रवार को प्रदर्शन किया गया है। मामले में वामपंथी विचारक और कवि वरवर राव,वकील सुधा भारद्वाज, मानवाधिकार कार्यकर्ता अरुण फ़रेरा, गौतम नवलखा और वरनॉन गोंज़ाल्विस को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था जिनके लिए पीपुल्स लॉयर्स फोरम की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी को पांच सितंबर तक हाउस अरेस्ट रखने के आदेश दिए हैं। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की जांच के दौरान पुणे पुलिस ने इसी साल जून में पांच माओवादी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ के आधार पर छह राज्यों में छापेमारी के दौरान पांच और माओवादी कार्यकर्ताओं को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून और आइपीसी के तहत गिरफ्तार किया। इनमें राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सुधा भारद्वाज, वामपंथी विचारक वरवर राव, वकील अरुण फरेरा, मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा और वरनॉन गोंजाल्विस शामिल हैं।
सुधा फरीदाबाद के चार्मवुड विलेज साउथ एंड अपार्टमेंट के फ्लैट में करीब एक साल से बेटी के साथ रहती हैं। सुधा के घर से दो लैपटॉप, दो मोबाइल और एक पेन ड्राइव बरामद किया गया। उनकी ईमेल और ट्विटर का पासवर्ड भी ले लिया गया। इंस्पेक्टर एसके शिंदे के नेतृत्व में पुणे पुलिस की नौ सदस्यीय टीम सुधा के घर पहुंची और उन्हें हिरासत में ले लिया। सुधा पर कथित रूप से माओवादियों के साथ संपर्क रखने के आरोप हैं।
छापे के दौरान पांच वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी इसलिए संभव हो पाई क्योंकि माओवादियों के दो गोपनीय पत्र पुलिस के हाथ पहले ही लग गए थे। इन पत्रों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और गृह मंत्री राजनाथ सिंह की हत्या की योजना का जिक्र था। इन पत्रों के जरिये ही मंगलवार को पकड़े गए वामपंथियों के माओवादियों के साथ रिश्ते उजागर हुए।