घर में बने मंदिर का विशेष महत्व होता है। भगवान की मूर्तियां घर में रखकर पूजा उपासना करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। घर में भगवान की पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार कुछ देवी-देवताओं की मूर्तियों या तस्वीरों को घर के मंदिर में नहीं रखना चाहिए। ऐसी मूर्तियों को घर में रखने से सुख समृद्धि की कमी रहती है। आइए जानते हैं किन मूर्तियों को घर में नहीं रखना चाहिए।
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काल भैरव
काल भैरव को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। भैरव देव की मूर्ति को घर के मंदिर में रखकर कभी भी पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए। दरअसल काल भैरव को तंत्र शास्त्र के देवता माने जाते है इसलिए इनकी हमेशा घर के बाहर मंदिर में पूजा करनी चाहिए।
शनिदेव की तिरछी नजर जिस किसी भी व्यक्ति पर पड़ती है उसका बुरा वक्त शुरू हो जाता है। शनिदेव की मूर्ति को घर के मंदिर नहीं रखना चाहिए बल्कि किसी मंदिर में जाकर इनकी पूजा आराधना की जानी चाहिए।
शनि,राहु और केतु को पापी ग्रह माना जाता है इसलिए राहु-केतु को घर में बने मंदिर नहीं रखना चाहिए। किसी व्यक्ति पर अगर राहु-केतु की छाया पड़ी हो तो इनके प्रभाव को कम करने के लिए मंदिर में ही पूजा करना चाहिए।
नटराज को भगवान शिव के रौद्र रुप का प्रतीक माना जाता है। इनकी मूर्ति को घर के मंदिर में कभी भी नहीं रखना चाहिए। इससे घर में अशांति का भाव पैदा होता है।