भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) की संकटग्रस्त स्थिति में समिति के ऋणदाता (सीओसी) ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय में पूर्व प्रमोटरों की याचिका का विरोध किया। उन्होंने याचिका की वैधता पर सवाल उठाए।
सीओसी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और के विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष अपने तर्क प्रस्तुत किए।
यह पीठ 2 मई के अपने फैसले से संबंधित याचिकाओं पर फिर से सुनवाई कर रही है, जिसमें बीपीएसएल के परिसमापन का आदेश दिया गया था और जेएसडब्ल्यू स्टील की समाधान योजना को खारिज कर दिया गया था।
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने 31 जुलाई को इस फैसले को वापस लिया और मामले में याचिकाओं की फिर से सुनवाई करने का निर्णय लिया।
पूर्व न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने 2 मई को बीपीएसएल के परिसमापन का आदेश दिया था, जबकि जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड की समाधान योजना को खारिज कर दिया था।
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