मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर भ्रष्टाचार के खिलाफ हथियार के रूप में आम लोगों को जिस एंटी करप्शन पोर्टल की सौगात दी थी, विभागों के अफसर उसे फेल करने पर उतर आए हैं। पिछले डेढ़ महीने में विभिन्न विभागों को भेजे गए 74 मामलों में से पांच पर ही कार्रवाई की गई है। बाकी पर अफसर कुंडली मारे बैठे हैं।
मुख्यमंत्री ने 19 मार्च को एंटी करप्शन पोर्टल लॉन्च किया था। जनता ने इस पहल को हाथों हाथ लिया। सूत्रों के अनुसार आम लोगों ने डेढ़ महीने के भीतर पोर्टल पर 760 ऑडियो-वीडियो क्लिपिंग्स अपलोड किए। इनमें से 74 क्लिपिंग्स ऐसी चिह्नित हुईं जिन पर पहली नजर में ही कार्रवाई होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री के एंटी करप्शन सेल ने चिह्नित 74 मामलों को संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों को कार्रवाई के लिए भेजा, मगर पांच को छोड़कर बाकी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। शिकायतकर्ताओं को पता नहीं चल पा रहा कि प्रमाण के साथ भेजी गई उनकी शिकायतों पर क्या कार्रवाई हो रही है?
एंटी करप्शन पोर्टल
यह पोर्टल मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल (jansunwai.up.nic.in) के होम पेज पर जाने पर सबसे ऊपर ही एंटी करप्शन पोर्टल का लिंक दिखाई देता है। इस पर क्लिक करने के बाद मोबाइल नंबर और कैचपा भरने के बाद मोबाइल पर ओटीपी आता है। जिसे डालने के बाद आप पोर्टल में प्रवेश कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
इन मामलों के ऑडियो-वीडियो आए
– पेट्रोल पंप पर अवैध वसूली।
– राशन वितरण में गड़बड़ी।
– बीएसए कार्यालय के क्लर्क द्वारा रिश्वत मांगना।
– कर्जमाफी में रिपोर्ट लगाने के लिए लेखपाल द्वारा घूस मांगना।
– दो बीएसए की घूसखोरी।
मुख्यमंत्री सख्त, अफसरों से कार्रवाई रिपोर्ट तलब
मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों के इस रवैये पर सख्त नाराजगी जताई है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल ने संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों को इस संबंध में पत्र लिखा है। उन्होंने शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई कर सूचना ऑनलाइन व ऑफलाइन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। गोयल ने जिन विभागों को चिट्ठी लिखी है, उनमें खाद्य एवं रसद, आवास, बेसिक शिक्षा, औद्योगिक विकास, महिला कल्याण, गृह, राजस्व, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, वित्त, प्राविधिक शिक्षा, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, समाज कल्याण, ऊर्जा, न्याय, सिंचाई एवं जल संसाधन तथा नगर विकास शामिल हैं।
मुहिम को सफल बनाने के लिए यह होना जरूरी
– एंटी करप्शन पोर्टल पर आई शिकायतों पर तय समय सीमा में कार्रवाई हो।
– जिन मामलों में कार्रवाई हो, उनका विस्तृत ब्योरा पोर्टल पर पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराया जाए।
– पोर्टल के मेन पेज पर ही स्पष्ट करें कि किस-किस तरह की शिकायतों पर कार्रवाई होगी। ऑडियो व वीडियो कितने एमबी तक अपलोड किए जा सकते हैं।
– अनावश्यक ऑडियो-वीडियो अपलोड किए जाने पर किस-किस तरह की कार्रवाई की जाएगी, यह भी पोर्टल पर स्पष्ट करें।
– करप्शन की क्लिपिंग्स को कार्रवाई के लिए विभागों के बजाय पुलिस की एंटी करप्शन विंग को भेजा जाए।
– एंटी करप्शन विंग की कार्रवाई की सीएम कार्यालय वर्तमान की तरह निगरानी करे।
– पोर्टल पर लिखा जाए कि शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रहेगी और जांच में उससे किसी तरह की पूछताछ नहीं होगी।
पोर्टल पर बेमतलब ऑडियो-वीडियो क्लिपिंग्स की भरमार
एक शिकायतकर्ता ने ऑडियो के रूप में ‘जिंदगी प्यार का नगमा है, मौजों की रवानी है…’ गाना अपलोड कर दिया। इस तरह के तमाम बेमतलब के वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं।
गाजीपुर के एक युवक को उसकी भौजाई ने दो थप्पड़ लगाया। युवक ने थप्पड़ खाने का वीडियो पोर्टल पर अपलोड कर कार्रवाई की गुजारिश की।
कई ऐसे ऑडियो-वीडियो भी अपलोड किए गए हैं, जिनका शिकायत से कोई लेना-देना नहीं है। मसलन शिकायत किसी व्यक्ति की है लेकिन वीडियो खेत-मैदान का डाल दिया।