भ्रष्टाचार के फांसे में आई नवाज की कुर्सी, नवाज समेत पूरा परिवार लपेटे में…

पनामा पेपर्स मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सियासत पर बड़ा संकट आ गया है. शुक्रवार को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पनामा लीक केस में संयुक्त जांच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर नवाज शरीफ को दोषी करार दिया. इसके साथ ही 5 जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से नवाज के खिलाफ फैसला देते हुए अयोग्य ठहरा दिया. नवाज को इसके बाद प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी.

भ्रष्टाचार के फांसे में आई नवाज की कुर्सी, नवाज समेत पूरा परिवार लपेटे में...

कैसे हुआ था खुलासा

2013 में इंटरनैशनल कन्सॉर्टियम ऑफ इन्वैस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आई.सी.आई.जे.) ने पनामा पेपर्स के नाम से बड़ा खुलासा किया. उत्तरी व दक्षिणी अमरीका को भूमार्ग से जोड़ने वाले देश पनामा की एक कानूनी फर्म ‘मोसेक फोंसेका’ के सर्वर को 2013 में हैक करने के बाद ये खुलासे किए और कहा कि फर्जी कंपनियों और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए अरबों रुपये विदेशी बैंकों में जमा कराए गए. इसमें कई देशों के नेताओं और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ीं हस्तियों का नाम सामने आया. आईसलैंड के पीएम को तो इस खुलासे के बाद इस्तीफा ही देना पड़ा. नवाज शरीफ का परिवार भी इस खुलासे से जांच के घेरे में आ गया.

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क्या है मोसेक फोंसेका?

पनामा की यह लॉ कंपनी लोगों के पैसे का मैनेजमैंट करने का काम करती है. यदि आपके पास बहुत-सा पैसा है और आप उसे सुरक्षित रूप से ठिकाने लगाना चाहते हैं तो यह आपकी मदद करती है. यह आपके नाम से फर्जी कंपनी खोलती है और कागजों का हिसाब रखती है. इस कंपनी द्वारा दुनिया भर में किए जा रहे कारोबार पर ही पनामा देश की अर्थव्यवस्था भी निर्भर करती है. इस लीक से कंपनी की परेशानी काफी बढ़ गई.

किन आरोपों में घिर गई शरीफ फैमिली

1990 के दशक के भ्रष्टाचार के इस मामले में नवाज शरीफ का पूरा परिवार ही लपेटे में आ गया. पनामा पेपर्स लीक विदेशी बैंकों में गलत जानकारी के साथ पैसे जमा करने से जुड़ा मामला था. 1990 के दशक में शरीफ द्वारा धन शोधन कर लंदन में संपत्ति खरीदने का आरोप लगा. शरीफ उस दौरान दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे थे. इससे पहले वह 1980 के दशक में दो बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. शरीफ फैमिली पर विदेश में मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए पैसा भेजने और टैकेस हेवेन कहे जाने वाले देशों में संपत्ति खरीदने के आरोप लगे.

JIT की रिपोर्ट ने बुरी तरह फंसा दिया

पनामागेट कांड में नवाज शरीफ का नाम सामने आने के बाद से ही उनके विरोधी उन्हें आड़े हाथों ले रहे थे. इसी साल अक्टूबर में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने इस मामले में केस किया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए संयुक्त जांच दल यानी JIT का गठन किया. JIT की रिपोर्ट में कहा गया- शरीफ और उनके बच्चों का रहन-सहन आय से ज्यादा बेहतर है. JIT ने शरीफ पर नया केस दर्ज करने का आदेश दिया. पार्क लेन लंदन में शरीफ परिवार के 4 आलीशान फ्लैट हैं ये बात सामने आई. नवाज शरीफ एंड फैमिली पर मनी लॉन्ड्रिंड का आरोप भी लगा. छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल ने शरीफ परिवार के व्यापारिक लेन-देन की जांच संबंधी अपनी 10 खंडों वाली रिपोर्ट 10 जुलाई को शीर्ष अदालत को सौंपी. JIT ने सिफारिश की कि शरीफ और उनके बेटे हसन नवाज और हुसैन नवाज के साथ-साथ उनकी बेटी मरियम नवाज के खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो अध्यादेश, 1999 के तहत भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज किया जाना चाहिये.

शरीफ ने क्या दी सफाई

नवाज शरीफ इस बार रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री पद का दायित्व निभा रहे थे. नवाज शरीफ ने जेआईटी रिपोर्ट पर ट्वीट किया था- वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उनके पांच बार सत्ता में रहने के दौरान उनके खिलाफ सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का एक भी आरोप सही साबित नहीं हुआ है.’ नवाज शरीफ ने कोर्ट से एक न्यायिक आयोग बनाने की मांग की थी.इसके अलावा उन्हों‍ने कोर्ट के समक्ष अपनी तीन पीढ़ियों के खातों का ब्यौरा भी सौंपा था. नवाज ने नेशनल असेंबली और कोर्ट में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया.नवाज का कहना था कि उनके बच्चों ने अपनी मेहनत की कमाई से पूंजी अर्जित की है और इससे ही ब्रिटेन में फ्लैट खरीदा. हालांकि, ये दलीलें सुप्रीम कोर्ट में टिक नहीं सकीं और नवाज को 5 जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से दोषी ठहरा दिया. इसके बाद नवाज को पद छोड़ना पड़ा.

पाकिस्तान की सियासत पर क्या होगा असर?

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के बाद नवाज शरीफ को कुर्सी छोड़नी पड़ी. अब उनके भाई शाहबाज शरीफ या पार्टी का कोई और नेता प्रधानमंत्री का पद संभाल सकता है. सेना के बर्चस्व वाले पाकिस्तान में सिविल गर्वमेंट की स्थिति वैंसे ही डांवाडोल रहती है. ऐसे वक्त में जब भारत-पाकिस्तान की सीमा पर तनाव है पाकिस्तानी सिविल गर्वमेंट का कमजोर होना सेना के लिए फिर सत्ता पर कब्जे का मौका दे सकता है. अगले कुछ दिनों तक पाकिस्तान के सियासी घटनाक्रम पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी रहेंगी.

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