पाकिस्तान के निर्वासित प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि उन्हें कमजोर आधार पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अयोग्य घोषित कर दिया गया। शरीफ ने कहा कि उनकी तरफ से गलती किए जाने के कोई सुबूत नहीं थे।
पूर्व पीएम ने यह बातें कथित भ्रष्टाचार के तीन मामलों में भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में पेशी के दौरान कहीं। ये मामले पनामा पेपर घोटाले से संबंधित है जिसमें कि तीन बार के प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था। शरीफ ने कहा, ‘वे लोग अभी तक मेरे खिलाफ कोई अपराध साबित नहीं कर पाए।’ 64 साल के शरीफ ने कहा कि उन्हें कमजोर आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ गलती के साक्ष्य खोजने के अभी भी कथित रूप से प्रयास हो रहे हैं।
इन मामलों की शुरुआत 8 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के 28 जुलाई के उस निर्णय के बाद हुई थी जिसमें शरीफ को प्रधानमंत्री के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अदालत ने अपने इस आदेश में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो को शरीफ के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था।
जवाबदेही अदालत के जज मुहम्मद बशीर ने शरीफ, उनकी बेटी मरियम और उनके दामाद मुहम्मद सफदर के खिलाफ मामले की सुनवाई की। इसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी थी।
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