मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह रेप केस को लेकर सवालों के घेरे में आयी समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को लेकर जहां एक ओर विपक्ष हमलावर है तो वहीं उनके इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा में भी दो फाड़ हो गया है। एक ओर जहां भाजपा के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर ने फिर से मंजू वर्मा के इस्तीफे की मांग की है तो वहीं उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और मुख्यमंत्री ने उनका बचाव किया है ।
भाजपा नेताओं में दो फाड़
इस मामले में आरोपों का सामना कर रही सामाजिक कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के इस्तीफे की मांग करते हुए भाजपा नेता सीपी ठाकुर ने कहा कि ये कैसे हो सकता है कि इतनी बड़ी घटना हो गई और मंत्री को कुछ पता न हो। वह मंत्री किस चीज के लिये हैं, केवल साइन करने के लिये?
वहीं, भाजपा के एक और वरिष्ठ नेता गोपाल नारायण सिंह ने भी की है और कहा है कि नैेतिकता के आधार पर मंत्री मंजू् वर्मा को इस्तीफा दे देना चाहिए। फिर जब जांच के बाद उन्हें क्लीन चिट मिल जाए तो वापस आ जाएं।
सीएम नीतीश ने कहा-अभी आरोप सिद्ध नहीं हुआ है, इस्तीफे की बात गलत
इस मामले पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा पर आरोप नहीं सिद्ध हुआ है तो वो क्यों इस्तीफा देंगी। मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने इस आरोप को खारिज किया है। हालांकि मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि जो भी आरोपी होंगे बख्शे नहीं जाएंगे। चाहे वो मंत्री ही क्यों ना हो।
मंत्री मंजू वर्मा के पति पर बालिका गृह जाने का लगा आरोप
समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति पर आरोप लगा है कि वो बालिका गृह में अक्सर जाते थे और बच्चियां उन्हें पेट वाले अंकल के नाम से जानती थीं। बच्चियों ने भी बताया कि पेट वाले अंकल आते थे। आरोप लगने के बाद मंत्री मंजू वर्मा ने इस बात से इन्कार किया और कहा कि मेरे पति मेरे साथ एक बार गए थे। उन्होंने कहा कि आरोप सिद्ध हो गया तो इस्तीफा दे दूंगी।