छत्तीसगढ़ सरकार के शराब बेचने के फैसले का जहां एक ओर विरोध जारी है तो वहीं राज्य के वाणिज्यिक कर मंत्री अमर अग्रवाल ने इस पर विवादित बयान देकर मामले को और हवा दे दी है। मंत्री का कहना है कि शराब दुकान कम कर देंगे तो पीने वाले क्या करेंगे? नंबर दो की शराब बिकेगी और सरकार का राजस्व कम हो जाएगा।
यह भी कहा कि शराब के खिलाफ जन जागरण करने वाली भारत माता वाहिनी बनाने जैसी पहल सैद्धांतिक है, प्रैक्टिकल चीजें बिलकुल अलग होती हैं। उधर नशामुक्त भारत आंदोलन के डॉ. सुनीलम के बाद अब जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव में वे सरकार के खिलाफ इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएंगे।
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सुप्रीम कोर्ट ने हाइवे से शराब दुकानों को हटाने का आदेश दिया है। काबीना मंत्री जनता की सेहत के बारे में सोचने की बजाय राजस्व कम होने की चिंता कर रहे हैं। राज्य बनने के बाद शराब से सरकार की आय एक हजार फीसदी से अधिक तो 5 साल में 5 गुना बढ़ी है। इसके बावजूद मंत्री के हिसाब से ये कम है। ऐसे में पहले तय किया कि हटाई दुकानें निकाय खुलवाएं, फिर कैबिनेट में फैसला हुआ कि निगम बनाकर खुद सरकार चलाए। ‘नईदुनिया’ ने बुधवार को मंत्री अमर अग्रवाल से बात की तो उन्होंने सरकार का रुख साफ कर दिया-
– जनता शराब दुकानों के खिलाफ है, सरकार हाइवे से हटने वाली दुकानें बंद नहीं कर सकती?
– सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार बंद तो कर रहे हैं।
– बंद कहां, उन्हें तो शहरों में शिफ्ट कर रहे हैं?
– शराब दुकानें बंद कर दी जाएंगी तो पीने वाले क्या करेंगे? अवैध शराब बिकने लगेगी। शराबबंदी हो जाए तो धीर-धीरे पीने की आदत छूट जाती है, लेकिन दुकान कम करने से नम्बर-2 का काम बढ़ेगा।
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– क्या आबकारी विभाग और शराब के खिलाफ बनी भारत माता वाहिनी नाकाम हैं?
– सब सैद्धांतिक है। सैद्धांतिक और प्रैक्टिकल बहुत अलग होते हैं।
– सरकार ने महिलाओं के नाम पर राशन कार्ड बनाया, क्योंकि पुरुष राशन बेचकर शराब पी जाते थे। फिर इस फैसले को क्या मानें?
– शराब की खपत कम हो जाए, लोग शराब पीना छोड़ दें, हमसे ज्यादा खुश कौन होगा? लेकिन अभी कुछ लोग नम्बर-2 में शराब बेचकर सरकार की आय ले जा रहे हैं। यह ठीक थोड़ी है। इसलिए मेरे हिसाब से आय कम है।
– गुजरात और बिहार की तर्ज पर अपने यहां भी शराबबंदी क्यों नहीं की जा रही?
– शराबबंदी तो बड़ा निर्णय है। क्या होगा, ये कह नहीं सकता।
चुनाव के पहले आऊंगा, तब सरकार को बताऊंगा
शराब की आय, पाप की गाढ़ी कमाई है। छत्तीसगढ़ सरकार शराब का धंधा करे, यह सरासर गलत है। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में शराबबंदी पर सीएम नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हैं। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में भाजपा की ही सरकार शराब कारोबार बढ़ा रही है। यहां शराबबंदी नहीं हुई तो 2018 में चुनाव के पहले आऊंगा, तब सरकार को बताऊंगा। उत्तरप्रदेश और पंजाब की तरह यहां भी सरकार के खिलाफ सभाएं करूंगा। स्वामी अग्निवेश, सामाजिक कार्यकर्ता
सरकार फैसला वापस ले, वरना स्थगन का प्रस्ताव लाएंगे
सरकार के पास आय बढ़ाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों की कमी नहीं है। सरकार खुद कहती है कि उसने 300 से ज्यादा कंपनियों के साथ एमओयू किए हैं, तो उनके उद्योग क्यों शुरू नहीं करा पा रही। इससे तरक्की होगी। कांग्रेस फैसला वापस लेने की मांग करती है। अगर, ऐसा नहीं हुआ तो अगले विधानसभा सत्र में स्थगन प्रस्ताव लाया जाएगा। टीएस सिंहदेव, नेता, कांग्रेस विधायक दल