राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को अजमेर स्थित अकबर के किले का दोबारा नामकरण करना भारी पड़ गया। वासुदेव को धमकी भरा खत मिला है। कोतवाली थानाधिकारी (अजमेर) बी.एल. मीणा ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति ने शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी को अजमेर के अकबर किले का नाम बदलकर अजमेर का किला (संग्रहालय) करने पर धमकी दी है। पत्र में धमकी देने वाले व्यक्ति ने अपना नाम तरन्नुम खादिम लिखा है। पत्र में मंत्री को धमकी दी गई है कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं राजस्थान विधानसभा में भी एक सदस्य ने यह मामला उठाने का प्रयास किया, लेकिन अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने इसकी अनुमति नहीं दी। दरअसल कुछ समय पहले राजस्थान सरकार ने अजमेर में स्थित अकबर के किले का नाम अजमेर का किला एवं संग्रहालय रख दिया।
वासुदेव ने मुगल बादशाह अकबर को ‘आक्रांता’ बताते हुए कहा कि वह राष्ट्रवादी हैं और जितनी भी जगहों के नाम उनके नाम पर रखे गए हैं, वह उन्हें बदलने का प्रयास करेंगे। वासुदेव ने कहा, ‘अजमेर में अकबर के किले को मैंने अजमेर का किला कहने के लिए कहा था क्योंकि मैं एक राष्ट्रवादी हूं और इस आधार पर जिन जगहों के नाम आतंककारियों के नाम पर रखे गए हैं, उनमें मैंने नियमानुसार संशोधन का आग्रह किया था। हालांकि, मैंने अकबर के लिए आतंककारी नहीं, आक्रांता शब्द का प्रयोग किया था।
अकबर ने भारत पर आक्रमण किया। इसलिए हमने इतिहास की किताबों से वह अध्याय हटा दिए हैं, जिसमें अकबर को अकबर महान कहा गया है।’ उन्होंने इतिहासकारों पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा, ‘इतिहास अकबर को महान कहता आया है लेकिन अब तक की रिसर्च साबित करती है कि महाराणा प्रताप महान थे।’ गौरतलब है कि अजमेर के नया बाजार स्थित इस किले का निर्माण 1570 ईस्वी में मुगल बादशाह अकबर ने किया था।