नई दिल्ली: सनातन धर्म में जब भी कोई कार्य किया जाता है तो उसमें मंत्रों का विशेष महत्व होता है। सुबह बिस्तर से उठने के बाद और शाम को सोने तक अगर नियम से इन मंत्रो का उच्चारण किया जाये तो जीवन के सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होते हैं। इन मंत्रों में से 5 प्रमुख मंत्र इस प्रकार हैं-
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1- सुबह जागने पर बिस्तर बैठे-बैठे अपने दोनों हाथों को आंखों के सामने रख कर ये मंत्र उच्चारित करें-
कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमूले सरस्वती
करमध्ये तू गोविंद प्रभाते कर दर्शनं।
2- भोजन से पहले ये मंत्र बोलें :-
ॐ सह नाववतु, सह नौ भुनक्तु, सह वीर्यं करवावहै।
तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
अन्नपूर्णे सदापूर्णे शंकर प्राण वल्लभे।
ज्ञान वैराग्य सिद्धयर्थ भिखां देहि च पार्वति।।
ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम् ।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना।।
3- भोजन के बाद ये मंत्र बोलें-
अगस्त्यम कुम्भकर्णम च शनिं च बडवानलनम।
भोजनं परिपाकारथ स्मरेत भीमं च पंचमं ।।
अन्नाद् भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसंभवः।
यज्ञाद भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्म समुद् भवः।।
4- कम्पटीटिव टेस्ट या एक्जामिनेशन की तैयारी शुरु करने से पहले ये मंत्र बोलें-
ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
5- शाम को पूजा करते समय ये मंत्र बोलें-
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य
धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
6- रात को सोने से पहले ये मंत्र उच्चारित करें-
अच्युतं केशवं विष्णुं हरिं सोमं जनार्दनम्।
हसं नारायणं कृष्णं जपते दुःस्वप्रशान्तये।।