सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने 11 साल पहले यहां अपने घर पर एक मणिपुरी युवती की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत की जांच अपने हाथ में ले ली है और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी को फिर से दर्ज किया।
अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि 25 वर्षीय महिला चिराग दिल्ली में किराए के एक मकान में रह रही थी। मई 2013 में उसका शव मिला था, जिसमें चेहरा विकृत और नाक टूटी हुई थी। पुलिस को फर्श पर खून के छींटे मिले थे और खून से लथपथ एक चादर भी बरामद हुई थी। उन्होंने कहा कि शुरुआत में पुलिस ने आत्महत्या मान कर केस की जांच शुरू की थी, लेकिन बाद में इसमें हत्या संबंधी धाराएं जोड़ी गईं।
एम्म के साथ-साथ दो अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों ने शव का परीक्षण किया, लेकिन मौत का कारण पता नहीं चल सका। इसके बाद पीड़िता के चचेरे भाइयों ने सीबीआई जांच के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई। बाद में वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जिसने 22 मार्च को सीबीआई जांच का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज करते हुए कहा, प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला नहीं लगता है। घटनास्थल से पता चलता है कि फर्श पर खून बिखरा हुआ था और बिस्तर की चादर पूरी तरह खून से भीगी हुई थी। यह हत्या का मामला प्रतीत होता है और इसलिए दोषियों को अवश्य पकड़ा जाना चाहिए।
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