मुम्बई: फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने कहा कि सेंसर बोर्ड ने राजनीतिक ड्रामा ‘इंदु सरकार’ के 14 सीन को हटाने के लिए कहा है जो आपातकाल के पृष्ठभूमि पर बनाई गई फिल्म है.
इस निर्णय से नाखुश निर्देशक समीक्षा समिति का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रहे हैं. भंडारकर के मुताबिक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने इंडियन हेराल्ड अखबार की कटिंग हटाने के लिए कहा है जिसमें 1975 में अटल बिहारी वाजपेयी, मोरारजी देसाई और लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं.
बोर्ड ने निर्देशक से कहा है कि ‘अब इस देश में गांधी के मायने बदल चुके हैं’, ‘भारत की एक बेटी ने देश को बंदी बनाया हुआ है’, ‘और तुम लोग जिंदगी भर मां-बेटे की गुलामी करते रहोगे’ जैसे डायलॉग को भी हटाने के लिए कहा है.
किशोर कुमार, आईबी, पीएम, सेक्शन ऑफिसर, आरएसएस, अकाली, कम्युनिस्ट और जयप्रकाश नारायण जैसे शब्दों पर भी कैंची चली है.
भंडारकर ने बयान जारी कर कहा, ‘‘उन्होंने जो कट करने के लिए कहा है उससे हम काफी निराश हैं. इतने डायलॉग बदलने से फिल्म का सार बदल जाएगा. हम समीक्षा समिति के पास जाएंगे जहां हमें मंजूरी मिलने की उम्मीद है.’’
फिल्म निर्माता ने अपने ट्वीट में कहा कि वह ट्रेलर में इन शब्दों की अनुमति देने लेकिन फिल्म में उन्हें काटने का तर्क नहीं समझ पा रहे हैं.
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