जानकारी के अनुसार सिविल वार्ड चार निवासी सारांश पिता सत्येंद्र दुबे 13 रविवार शाम को अपने कमरे में था। उसके पिता बस में कंडक्टरी करते हैं जो बाहर गए थे। मां दूसरे कमरे में सो रही थीं और बड़ा भाई बाहर दुकान गया था।
इसी दौरान उसने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर फांसी लगा ली। काफी देर तक जब उसकी कोई आहट नहीं आई तो परिजनों ने आवाज देने के बाद दरवाजा तोड़ा तो देखा कि नाबालिग फांसी के फंदे पर लटका था। जिसे तत्काल ही जिला अस्पताल लाया गया, जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया गया। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया है।
कुछ माह पहले काट ली थी हाथ की नस
बताया गया है कि सारांश हमेशा मोबाइल चलाता रहता था। मोबाइल पर गेम खेलता रहता था। कुछ माह पहले ही उसने मोबाइल पर देखकर ही अपने हाथ को ब्लेड से काटकर अपना नाम लिख लिया था। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि मोबाइल पर किसी गेम के चक्कर में ही उसने यह कदम उठाया है। टीआई आनंद कुमार सिंह का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, सोमवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
बताया गया है कि सारांश हमेशा मोबाइल चलाता रहता था। मोबाइल पर गेम खेलता रहता था। कुछ माह पहले ही उसने मोबाइल पर देखकर ही अपने हाथ को ब्लेड से काटकर अपना नाम लिख लिया था। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि मोबाइल पर किसी गेम के चक्कर में ही उसने यह कदम उठाया है। टीआई आनंद कुमार सिंह का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, सोमवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।