
उन्होंने आगे कहा कि मैं जनवरी 2018 में रिटायर हो जाऊंगा और ये फिल्म इसके बाद आएगी इसलिए इसे कोई और पास करेगा। लेकिन मुझे लगता है कि बायोपिक को लेकर जो गाइडलाइन बनी हुई हैं उनमें कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। उन्हें आशा है कि फिल्म की टीम इस बात से वाकिफ है।
निहलानी ने कहा, ‘अनुपम खेर भी सेंसर बोर्ड का हिस्सा रह चुके हैं। अशोक पंडित जो खुद को सेंसर बोर्ड का हिस्सा मानते हैं वो भी मनमोहन सिंह जी की फिल्म में अहम किरदार निभा रहे हैं और हंसल मेहता जो फिल्म लिख रहे हैं उनका कहना है कि वो हर फिल्म से पहले सेंसर बोर्ड द्वारा जारी गाइडलाइन जरूर पढ़ते हैं। मैं ये सोच नहीं सकता कि कैसे इन लोगों को NOC के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।’
वहीं निहलानी को पूरा भरोसा है कि अनुपम फिल्म में मनमोहन सिंह के किरादर के लिए परफेक्ट हैं और वो इसे अच्छे से निभा पाएंगे।
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