बुधवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिग के मामले में इंद्राणी मुखर्जी के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी कर दिया है. जिसके तहत अब इंद्राणी को मनी लॉन्ड्रिग केस में 9 सितंबर को पेश होना होगा. प्रवर्तन निदेशालय ने इंद्राणी मुखर्जी से पूछताछ के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर ये आदेश दिया गया.
दरअसल, 2008 में आईएनएक्स मीडिया कंपनी में तय लिमिट से ज्यादा विदेश निवेश किया गया था. उस वक्त आईएनएक्स कंपनी की डायरेक्टर इंद्राणी मुखर्जी ही थीं. इसीलिए ईडी उन्हें दिल्ली लाकर इस मामले में पूछताछ करना चाहती है.
इस मामले में पीटर मुखर्जी को भी सह आरोपी बनाया गया है. आरोप है कि कंपनी में तकरीबन 350 करोड़ रुपये का विदेश धन निवेश किया गया. इंद्राणी और पीटर मुखर्जी के अलावा पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भी मामले में आरोपी हैं.
प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की तहकीकात कर रहा है. कार्ति चिदंबरम के ठिकानों पर कई बार छापेमारी भी की जा चुकी है. जिसके बाद ईडी ने कोर्ट से इंद्राणी मुखर्जी से पूछताछ की मोहलत के लिए याचिका दायर की थी. ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश सुनील राणा ने याचिका को मंजूरी दे दी.
ईडी के वकील नितेश राणा ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि इंद्राणी मुखर्जी को हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत है, क्योंकि मनी लॉन्ड्रिग केस में जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है. उन्होंने अदालत से कहा, सीबीआई ने मामले में अन्य आरोपी कार्ति चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया हुआ है. इंद्राणी मुखर्जी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है क्योंकि वह हमसे सहयोग नहीं कर रही हैं. वह न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी ने हाल में सीबीआई की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए कार्ति चिदंबरम, आईएनएक्स मीडिया और इसके निदेशकों पीटर और इंद्राणी तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है.