दिल्ली नगर निगम चुनावों में भाजपा की बम्पर जीत का हीरो मनोज तिवारी ही रहा। इसी के चलते भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एमसीडी चुनाव में भाजपा को मिली जीत के लिए प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को धन्यवाद दिया है। पी.एम. मोदी ने भी जीत पर टीम दिल्ली; जिसके मुखिया तिवारी हैं, को बधाई दी है। ऐसे में दिल्ली की राजनीति में यह सवाल आज नहीं तो कल उठना लाजिमी है कि क्या वर्तमान में सांसद मनोज तिवारी भाजपा के अगले सीएम उम्मीदवार होंगे। सवाल यह भी है कि उम्मीदवार बनने के बाद क्या वे दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री बन पाएंगे। आइए नजर डालते हैं उन वजहों पर जो मनोज तिवारी के पक्ष में जाती हैं और उन्हें एक मजबूत कैंडीडेट के तौर पर आगे करती हैं :चुनाव में जमकर प्रचार किया
मनोज तिवारी ने एम.सी.डी. चुनाव के दौरान खूब पसीना बहाया और जमकर प्रचार किया। ऐसे में पार्टी कार्यकत्र्ताओं और नेताओं के बीच उनकी छवि मजबूत हुई। जीत के लिए उनको क्रैडिट दिया जाना भी इस बात को दिखाता है।
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इमोशन को राजनीति से जोड़ने में माहिर हैं तिवारी
राजनीति में लोगों के इमोशन को समझना बेहद जरूरी है। इस विधा में तिवारी काफी माहिर हैं। एम.सी.डी. चुनाव का रिजल्ट आने के दौरान मनोज तिवारी ने एक इंटरव्यू में कहा कि जवान शहीद हो गए। सुकमा में जो घटना हुई है उससे दुखी हूं। हर जीत की खबर से जवानों की शहादत याद आ रही है। वहां जो हमारे बच्चे शहीद हुए उनकी याद आ रही है, हम दिल्ली के लोगों को नमन करेंगे, कोटि-कोटि धन्यवाद देंगे पर जीत सैलीब्रेट करने के लिए नगाड़े न बजाएं।
भाजपा के प्रयोग पर खरे उतरे
पिछले 2 विधानसभा चुनावों में भाजपा के सी.एम. उम्मीदवार रहे किरण बेदी और हर्षवर्धन पार्टी को जिताने के लिए कुछ खास नहीं कर पाए। ऐसे में दिल्ली भाजपा को एक नए चेहरे की तलाश थी जो पूरी पार्टी को एक साथ लेकर चले। ऐसे में मनोज तिवारी को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया। कुछ मीडिया रिपोर्टों में इसे भाजपा का एक नया और प्रयोगवादी दाव बताया गया था जो सफल रहा।