नई दिल्ली। देश की जनता को पीएम मोदी ने 30वें मन की बात कार्यक्रम के जरिये रविवार को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत में बांग्लादेश को आजादी शुभकामनाएं दी और कहा कि दोनों देश अच्छे मित्र हैं।

मन की बात के जरिए वीर सपूतों को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को भी श्रद्धांजलि। पीएम मोदी ने कहा, इन तीनों युवकों से ब्रिटिश सरकार डरती थी।
पीएम मोदी ने साथ ही कहा, देश के नौजवानों को शहीद भगत सिंह की समाधि पर जाना चाहिए। बता दें कि 23 मार्च, 1931 को इन स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी दे दी थी।
पीएम मोदी ने कहा कि हम चंपारण सत्याग्रह की 100वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं। पीएम ने कहा, महात्म गांधी 1917 में भारत लौटने पर चंपारण गए थे। वहां से सत्याग्रह की प्रेरणा मिली। यह चंपारण सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष है। भारत की आज़ादी के आंदोलन में, गांधी विचारशैली का प्रकट रूप पहली बार चंपारण में नजर आया।
पीएम मोदी ने कहा, ‘सार्वजनिक जीवन की शुरुआत कैसे की जा सकती है, ख़ुद कितना परिश्रम करना होता है यह हम गांधीजी से सीख सकते हैं।’
मोदी ने कहा, ‘सवा-सौ करोड़ देशवासियों की ये बदलाव की चाह, बदलाव का प्रयास ही है, जो न्यू इंडिया की मज़बूत नींव डालेगा। उन्होंने कहा, सभी देशवासी अगर संकल्प करें और मिलकर कदम उठाते चलें, तो न्यू इंडिया का सपना हमारे सामने सच हो सकता है। हर कोई अपने नागरिक धर्म और कर्तव्य का पालन करे, यही अपने आप में न्यू इंडिया की एक अच्छी शुरुआत बन सकता है।’
पीएम मोदी ने साथ ही कहा, ‘मैं आपको निमंत्रण देता हूं कि स्वराज से सुराज की इस यात्रा में हम सभी जीवन को अनुशासित कर, संकल्पबद्ध करके जुड़े।
इससे पहले 26 फरवरी को अपने 29वें ‘मन की बात ‘ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वैज्ञानिक समुदाय की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा था कि 15 फरवरी, 2017 भारत के जीवन में बेहद गौरवपूर्ण दिवस के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दिन हमारे वैज्ञानिकों ने विश्व के सामने भारत का सर गर्व से ऊंचा किया है। ISRO ने कई अभूतपूर्व मिशन सफलतापूर्वक पूर्ण किए हैं।
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