पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस एक बार फिर आमने-सामने हो सकती हैं. दरअसल कोलकाता ऑडिटोरियम ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के आयोजन के लिए बुकिंग रद्द कर दी है, जिससे विवाद बढ़ सकता है. आयोजकों को रद्दीकरण के बारे में मौखिक रूप से बता दिया गया है.
ये है एयरहोस्टेस की लाइफ के डर्टी सीक्रेट, हवा में पैसेंजर उतार देते हैं कपड़े !
अगले महीने 3 अक्टूबर को कोलकाता के प्रसिद्ध सरकारी स्वामित्व वाली सभागार महाजति सदन में एक इवेंट होना था, जिसमें मोहन भागवत भाषण देने वाले थे, लेकिन अधिकारियों ने इसकी बुकिंग को रद्द कर दिया है. बंगाल के गवर्नर केशरी नाथ त्रिपाठी भी इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे. भाषण का विषय ‘भारत के राष्ट्रवादी आंदोलन में सिस्टर निवेदिता की भूमिका’ था. आयोजक अब नए ऑडिटोरियम की तलाश कर रहा है. आयोजकों का आरोप है कि उनसे कहा गया है कि कुछ पीडब्लूडी काम लंबित हैं, इसलिए कार्यक्रम रद्द किया गया, लेकिन हम सोचते हैं कि यह राजनीतिक प्रतिशोध के कारण है.
यह पहली बार नहीं है जब राज्य सरकार ने भागवत को सार्वजनिक समारोहों को संबोधित करने से रोकने की कोशिश की हो. इससे पहले जनवरी में कोलकाता पुलिस ने भागवत की रैली को शहर में जाने से मना कर दिया था, लेकिन हाई कोर्ट ने निर्णय के खिलाफ फैसला सुनाया. राज्य सरकार को यात्रा का समय सही नहीं लगा, क्योंकि विजय दशमी (दुर्गा पूजा का अंतिम दिन) और मुहर्रम 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को है. भगवा शिविरों में पहले से ही विजय दशमी पर शास्त्र पूजा करने की योजना है.
दिसंबर 2014 में, कोलकाता में परेड ग्राउंड में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की रैली को राज्य पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी. मोहन भागवत को इस कार्यक्रम में बोलना था. हालांकि, उच्च न्यायालय ने वीएचपी को रैली के लिए मंजूरी दे दी, जहां आरएसएस प्रमुख ने घर वापसी कार्यक्रम का बचाव किया.
अब बेबी को बेस नहीं आपकी ये 5 आदतें पसंद हैं
इससे पहले केरल के पल्लकड़ में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मोहन भागवत ने रोक के बावजूद ध्वजारोहण किया था. इसके बाद ध्वजारोहण करने पर रोक लगाने वालीं कलेक्टर का ट्रांसफर कर दिया गया था. पल्लकड़ की कलेक्टर पी. मेरीकुथी ने आदेश दिया था कि कोई भी राजनीतिक व्यक्ति स्कूल में ध्वजारोहण नहीं कर सकता. हालांकि, उनकी रोक के बावजूद भी मोहन भागवत ने ध्वजारोहण किया था. मोहन भागवत के तिरंगा फहराने के बाद मेरीकुथी ने सरकार को दी गई रिपोर्ट में कहा था कि मोहन भागवत पर केस दर्ज होना चाहिए. उन्होंने पुलिस को इसके निर्देश भी दे दिए थे.