मलमास 14 जनवरी को खत्म हो गया है, लेकिन विवाह का पहला मुहूर्त 16 जनवरी को है। इसलिए 16 जनवरी से विवाह कार्यक्रम शुरू होंगे। खास बात यह है कि जनवरी से शुरू होने वाला सिलसिला इस बार लंबा चलेगा। यानी जनवरी से लेकर जुलाई माह तक कई विवाह मुहूर्त हैं। बसंत पंचमी के दिन भी शादियों का योग अधिक है। हालांकि मार्च 15 मार्च से 15 अप्रैल के बीच में भी मीन राशि के सूर्य में आने की वजह से शादी समारोह नहीं हो सकेंगे।
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भोपाल के ज्योतिषाचार्य पंडित धर्मेन्द्र शास्त्री के अनुसार मलमास की वजह से करीब एक माह के लिए सभी शुभ कार्य व विवाह कार्यक्रम पर ब्रेक लग गया था। 15 दिसंबर से धनुराशि के सूर्य में प्रवेश करने से मलमास शुरू हुआ था। इस वजह से विवाह संस्कार, जनेऊ संस्कार, गृह प्रवेश जैसे शुभकार्य नहीं हो सके थे।
होलाष्टक 5 मार्च से 12 मार्च 2017
शास्त्रों में वर्णित है कि, जिस स्थान पर हिरण्यकश्यपु द्वारा होलिका के माध्यम से प्रहलाद को जलाकर मारने का असफल प्रयास किया गया उस समय से ही हिरण्यकश्यपु के राज्य में ही होलाष्टक मनाए जाने की परंपरा शुरू हुई। पुराणों के मतानुसार होलाष्टक मुख्य रूप से रावी, सतलज, सिंधु नदी के मध्य का भाग था। कभी यह हिरण्यकश्यपु का राज्य था। इस कारण से पंजाब और उत्तरी भारत में ही होलाष्टक माना जाता है।
अक्षय तृतीया पर भी सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त
सागर के ज्योतिषाचार्य पं. रामगोविंद शास्त्री के अनुसार मलमास शुरू होने के कारण सभी प्रकार के शुभ कार्य बंद हो जाते हैं। ऐसे में मकर संक्रांति के बाद ही शुभ कार्य एवं विवाह शुरू होते हैं। जब भी सूर्यदेव का गोचर देव गुरु, बृहस्पति धनु-राशि में होता है, तब यह अवधि मलमास कहलाती है।
इस अवधि में विवाह के साथ-साथ अन्य शुभ कार्य जैसे गृह प्रवेश, भूमि पूजन, नवीन प्रतिष्ठानों का उद्घाटन भी नहीं होता है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त निकलने लगते हैं। बसंत पंचमी और अक्षय तृतीया के पर्व में भी इस वर्ष विवाह के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त हैं।
मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी
इंदौर के ज्योतिर्विद् श्यामजी बापू के मुताबिक सूर्य के उत्तरायण होने के बाद 16 जनवरी से मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित विजय दुबे ने बताया कि पूस माह में शादी विवाह, लग्न एवं फलदान जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं। इस वजह से शादियां नहीं होती।
सूर्य का प्रभाव कम होने से शुभ कार्य वर्जित
पं. विनोद पुरोहित ने बताया कि मौसम में इन दिनों दिन छोटे और रात बड़ी होने से सूर्य की ऊर्जा का प्रभाव पृथ्वी पर बहुत कम रहता है। ग्रह और नक्षत्रों पर भी इसका विपरीत असर पड़ने के कारण प्राचीन परंपराओं को मानते हुए लोग इन दिनों में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करते। इसलिये मलमास में शुभ कार्य नहीं होते। मकर संक्रांति पर सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही शुभता की शुरुआत मानी जाती है और शादियां शुरू होती है।
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होलाष्टक तक विवाह चलेंगे
पंडित हृदेश शर्मा बताते हैं कि शुभ मुहूर्त 16 जनवरी होने के कारण शादि विवाह जैसे मांगलिक कार्य प्रारंभ होंगे। फरवरी में बसंत पंचमी पर भी विवाह के काफी योग रहेंगे। जनवरी मध्य से मार्च मध्य तक विवाह के कई योग हैं और होलाष्टक तक यह विवाह चलेंगे।
कुछ करते हैं परहेज
पंडित किशनलाल मिश्र के अनुसार अब पुनः मांगलिक कार्य आरम्भ हो सकेंगे जो आगे चलकर 5 मार्च 2017 से होलिकाष्टक लग जाने की वजह से बंद बताए जाते हैं। कुछ लोग इस अवधि में विवाह आदि कार्यों से परहेज करते हैं।
खरमास 14 मार्च से 13 अप्रैल 2017 तक
इस दौरान विवाह आदि कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य नहीं होंगे।
शुभ विवाह मुहूर्त-2017
जनवरी-15,16,17,18,22,23,25
फरवरी-1,2,5,6,13,15,18,19,27,28
मार्च- 1,4,5,6,10,11,12,13
अप्रैल-16,17,18,19,23,28,29,30
मई-4,6,7,8,9,10,11,12,13,15,16,21,22,26,27,31
जून-1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,12,17,18,19,22,27,28,29,30
जुलाई-1,2,3
अगस्त,सितम्बर,अक्टूबर 2017में देवशयन के कारण विवाह मुहूर्त नहीं हैं।
नवंबर- 19,20,21,22 23, 28, 29, 30
दिसंबर-3,4,8,9,10।