मलयालम एक्टर और पूर्व सांसद इनोसेंट का कोच्चि के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में निधन हो गया। उन्होंने रविवार को कोच्चि के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। 75 साल के इनोसेंट 3 मार्च से हॉस्पिटल में भर्ती थे। हॉस्पिटल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वो कोविड से संक्रमित थे साथ ही मल्टीपल ऑर्गन फेल होने के चलते उन्हें सांस लेने में समस्या हो रही थी।
सदमे में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री
इनोसेंट के निधन की खबर सोशल मीडिया पर आते ही लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनके फैंस और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को उनके निधन की खबर से गहरा दुख हुआ है। वहीं पृथ्वीराज सुकुमारन, मंजू वारियर, टोविनो थॉमस, जयराम जैसे कलाकारों ने उनके निधन की खबर मिलने पर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
आइकॉनिक चैप्टर का हुआ अंत
जाने माने मलयालम एक्टर पृथ्वीराज सुकुमारन ने अपने ट्विटर हैंडल पर इनोसेंट के निधन पर लिखा, ‘सिनेमा इतिहास के एक प्रतिष्ठित अध्याय का अंत! रेस्ट इन पीस लीजेंड! प्रनानम..।
‘दी गई हंसी के लिए धन्यवाद’ – मंजू वॉरियर
मंजू वॉरियर ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए इनोसेंट को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, ”धन्यवाद, मासूम चेट्टा (भाई)! दी गई हंसी के लिए… पर्दे पर ही नहीं जिंदगी में भी…
सिनेमा के लिए एक बड़ी क्षति – जयराम
वरिष्ठ अभिनेता जयराम ने लिखा, ‘इनोसेंट का निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक और बड़ी क्षति है। “इस समय मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं क्योंकि तीन दशकों से अधिक समय तक चलने वाला भाईचारा समाप्त हो गया है और मैं खुद को सबसे भाग्यशाली मानता हूं कि मैंने उन्हें जाना और इतने वर्षों में उनके साथ स्क्रीन स्पेस साझा किया। मेरी गहरी संवेदनाएं परिवार को।
सीएम पिनाराई विजयन ने व्यक्त किया शोक
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक फेसबुक पोस्ट में अभिनेता की मौत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि इनोसेंट ने अपनी सहज अभिनय शैली से अपने दर्शकों के मन में एक अमिट जगह छोड़ी है।
सीएम पिनाराई ने उन्हें एक सार्वजनिक कार्यकर्ता के रूप में भी याद किया, उन्होंने अपने आसपास के लोगों के जीवन को छुआ। केरल कृतज्ञता के साथ याद रखेगा कि हमेशा वामपंथी मानसिकता रखने वाले इनोसेंट वाम लोकतांत्रिक मोर्चे के अनुरोध पर लोकसभा के उम्मीदवार बने और जीतने के बाद संसद में केरल की मांगों को प्रमुखता से उठाया।
केरल के सीएम ने आगे लिखा कि मासूम की मौत कला और संस्कृति के साथ-साथ सामान्य राजनीतिक परिदृश्य के लिए एक बड़ी क्षति है। ये मलयाली लोगों की भी क्षति है।
वहीं कई अन्य लोगों ने भी इनोसेंट के निधन पर दुख व्यक्त किया।