अजमेर। अजमेर की प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में जुटे सूफी मौलवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि पूरे देश में बीफ को बैन किया जाए। गोमांस खाने, बेचने और ले जाने के आरोपों को लेकर मुस्लिम युवाओं के उत्पीड़न से निपटने को लेकर मौलवियों ने कहा कि बीफ पर पूरे देश में रोक लगनी चाहिए।

सूफी मौलवियों ने कहा कि बीफ के चलते देश के हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सौहार्द्र में कमी आ रही है। अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल अबेदीन अली खान ने 12वीं शताब्दी की इस दरगाह पर आयोजित 805वें उर्स के समापन के मौके पर जारी बयान में बीफ पर बैन लगाने की मांग की।
सूफी मौलवियों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि पीएम नरेंद्र मोदी को करोड़ों मुसलमानों को राहत देते हुए इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए और बीफ को बैन करने के लिए अध्यादेश पारित होना चाहिए। दिल्ली की हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह के अलावा कर्नाटक के गुलबर्गा शरीफ, आध्र प्रदेश के हलकट्टा शरीफ और नगौर, बरेली, कलियार, भागलपुर, जयपुर और फुलवारी जैसी दरगाहों के मौलवियों ने भी इस मांग का समर्थन किया है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश में नई बनी बीजेपी सरकार की ओर से अवैध स्लॉटर हाउसेज पर रोक लगाने के फैसले के बाद यह बयान आया है। इसके अलावा राजस्थान, गुजरात और झारखंड जैसे अन्य बीजेपी शासित राज्यों में भी अवैध स्लॉटर हाउसों पर शिकंजा कसा जा रहा है। सूफी मौलवियों इस बात पर सहमत दिखे कि स्लॉटर हाउस बंद होने से लाखों हिंदू और मुसलमान बेरोजगार होंगे, लेकिन बैन लगाए जाने से दोनों समुदायों के बीच हमेशा के लिए सौहार्द्र कायम हो जाएगा।
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