बिहार में महागठबंधन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे पर जहां राजद अड़ी हुई है तो वहीं जदयू इस्तीफे का इंतजार कर रही है। इधर लगातार जदयू नेता राजद पर हमलावर हैं और तेजस्वी के इस्तीफे पर अड़े हुए हैं।
बिहार की राजनीति में चल रहे संकट की ‘विशालता’ को भांपते हुए – और उसे खत्म करने में होने वाली दिक्कतों को पहचानते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस सप्ताह होने वाले अपने दिल्ली दौरे को रद्द कर दिया है।
हालांकि इस दौरे का एजेंडा अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से मुलाकात करना था, लेकिन माना जा रहा था कि इसके साथ ही वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगे। लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक अब नीतीश दिल्ली नहीं जाएंगे और ना ही सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे।
वहीं जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने पिछले सप्ताह सोनिया गांधी से मुलाकात की थी, और उसके बाद सोमवार को उन्होंने ट्वीट किया था कि, “भ्रष्टाचार बड़ा खतरा है, और कड़े कदम उठाए जाने चाहिए… लेकिन कार्रवाई सभी के खिलाफ होनी चाहिए, सिर्फ कुछ चुनींदा लोगों या सिर्फ विपक्ष के खिलाफ नहीं…”
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गौरतलब है कि 7 जुलाई को रेल होटल घोटाला मामले में सीबीआइ ने लालू प्रसाद यादव के पटना स्थित घर तथा अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी। लालू पर आरोप है कि उनहोंने केंद्रीय रेलमंत्री रहते हुए पद का दुरुपयोग कर कीमती ज़मीन-जायदाद तेजस्वी यादव सहित अपने बच्चों के लिए कौड़ियों के भाव खरीदीं थीं।
इस मामले में सीबीआइ ने लालू-राबड़ी सहित तेजस्वी पर एफआइआर दर्ज कराया था जिसके बाद महागठबंधन की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने सीबीआई की इस कार्रवाई को राजनैतिक बदले की कार्रवाई बताया।
लेकिन नीतीश कुमार की ओर से इस बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की गई, क्योंकि केंद्र सरकार से नीतीश कुमार ने ही बेनामी संपत्ति जब्त करने की वकालत की थी। इस तरह अब सीबीआइ की कार्रवाई पर उन्होंने कुछ नहीं कहा बल्कि उन्होंने यह कहा कि तेजस्वी यादव को अपने ऊपर लगे आरोपों का साक्ष्य लेकर जनता के सामने जाना चाहिए।
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इस मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो टूक में कहा है कि भ्रष्टाचार से कभी कोई समझौता नहीं किया ना करेंगे। अपने ऊपर आरोप लगने के बाद कई लोगों ने इस्तीफा दिया है, एेसे में जदयू की तरफ से इस्तीफे की बात कहां गलत है। वहीं अब जदयू इस मामले पर किसी हाल में झुकने वाला नहीं है।
गठबंधन की तीसरी पार्टी कांग्रेस नहीं चाहती कि गठबंधन टूटे इसके लिए वो लगातार दोनों दलों को समझाने की प्रयास कर रही है। लेकिन यह प्रयास भी सार्थक होता नहीं दिख रहा है। सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने लालू-नीतीश से बात भी की है लेकिन दोनों दल जिद पर अड़े हुए हैं और अब नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से भी मुलाकात ना करने की बात कही है।