महाराष्ट्र के पुणे में वकील का कथित तौर पर अपहरण और हत्या का मामला सामने आया है। पुणे के पुलिस आयुक्त का कहना है कि, 19 दिन पहले 32 वर्षीय वकील उमेश चंद्रशेखर मोरे के लापता होने की एफआइआर दर्ज की गई थी। इस मामले में वकील की पत्नी ने सहकार नगर पुलिस स्टेशन में लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करवायी थी। 2 अक्टूबर को सुबह उमेश की बाइक पुणे अदालत के गेट के पास खड़ी मिली थी। वकील के मोबाइल लोकेशन के आधार पर एक ट्रक ड्राइवर को हिरासत में लिया गया, लेकिन ड्राइवर ने कबूला कि उसे मोबइल ट्रक में मिला था। प्रथम दृष्टया जांच से पता चला है कि उस व्यक्ति की मौत हो चुकी है और आरोपी ने सबूत मिटाने के लिए उसके शव को भी जलाने की कोशिश की। इस मामले में हमने तीन लोगों को गिरफ्तार कर चार दिन तक पुलिस हिरासत में रखा है।
मिली जानकारी के अनुसार इस वकील को अगवा कर आरोपियों ने इसकी हत्या कर दी है, वकील का शव शहर से 70 किलोमीटर दूर झाडि़यों में पड़ा मिला। सबूत मिटाने के लिए हत्या के बाद आरोपियों ने शव को भी जला दिया और उसका मोबाइल भी एक ट्रक में फेंक दिया। हालांकि वारदात के 19 दिन बाद पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया है अब उन्हें चार दिन तक पुलिस रिमांड पर रखा जाएगा। पुलिस के अनुसार, उमेश मोरे की हत्या गला दबाकर चलती गाड़ी में ही कर दी गई थी, हत्या के बाद में सबूत मिटाने के लिए शव को ताम्हिणी घाट के जंगल में पेट्रोल डालकर जला दिया गया था।
क्या था मामला
ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि वकील की हत्या जमीन के विवाद को लेकर की गयी है। दो साल पहले इस वकील ने किसी सरकारी अफसर के खिलाफ दो करोड़ रिश्वत मांगने की शिकायत की थी जिसके बाद इस सरकारी अधिकारी को उसके पद से निलंबित कर दिया गया था लेकिन कुछ माह के बाद ही उसे बहाल कर राजस्व विभाग में नियुक्त कर दिया गया था।