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महिला की शिकायत के साथ शिलांग स्थित राजभवन के 98 कर्मचारियों ने अत्प्रत्याशित कदम उठाते हुए राज्यपाल के खिलाफ सीधे प्रधानमंत्री को खत लिखा है। खत में उन्होंने आरोप लगाया है कि षणमुगनाथन ने राजभवन की शुचिता के साथ समझौता करते हुए इसे लेडीज क्लब में तब्दील कर दिया। यहां कुछ दिनों के लिए केवल महिलाओं को ही नियुक्ति दी गई।
यह खत मिलने के बाद बीते सप्ताह केंद्र की ओर से षणमुगनाथन को जवाब देने के लिए कहा गया। हालांकि यह मामला उस समय अचानक सुर्खियों में आ गया जब मीडिया में इसकी खबरें तेजी से उछलने लगीं।
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बता दें कि राजभवन के कर्मचारियों द्वारा प्रधानमंत्री को लिखा खत सोशल मीडिया में भी वायरल हो गया। जिसमें पूर्व आरएसएस नेता रहे राज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसमें कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उनका उत्पीड़न और मानसिक शोषण किया।
राज्यपाल पर आरोप थे कि पिछले कुछ समय में उन्होंने राजभवन में विभिन्न पदों पर केवल जवान महिलाओं की ही नियुक्ति की। जिससे वह एक ऐसी जगह के रूप में तब्दील हो गया जहां राज्यपाल के आदेश से जवान महिलाओं की सीधे एंट्री थी और महिलाओं की पहुंच सीधे उनके बेडरूम तक थी।
इसके कारण बाकी स्टाफ को मानसिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ा, यहां तक की उप सचिव स्तर के एक अधिकारी को इसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक तक का सामना करना पड़ा। कुछ दिन बाद उनकी मौत हो गई।