बांग्लादेश: म्यांमार में इस समय बहुत ही बुरे हालत हैं। वहाँ जमकर कत्लेआम किया जा रहा है। म्यांमार के रोहिंग्या हिन्दुओं ने मुसलानो के आतंकी गुटों पर हिन्दुओं की निर्मम हत्या करनें का आरोप लगाया है। म्यांमार से भागकर हिन्दू परिवार इस समय बांग्लादेश में शरण ले रहे हैं। उन्ही शरणार्थियों में से एक महिला ने एजेंसी से बात करते हुए बताया कि वहाँ कम से कम 100 हिन्दुओं की हत्या की गयी और उसके बाद उनकी लाशों को कीचड़ वाले गड्ढे में फेंक दिया गया।
इस समय बांग्लादेश में शरण लिए हुए हैं हिन्दू
घटना की चश्मदीद गवाह महिला ने बताया कि मेरे पति, दो भाइयों और पड़ोसियों के साथ कई निर्दोष लोगों की गाला रेतकर हत्या कर दिया। जिस गाँव में हिन्दू रहते थे, उस गाँव में रोहिंग्या आतंकियों ने आग लगा दिया। पहली बार म्यांमार सरकार ने हिंसा प्रभावित राखिन प्रान्त में मीडिया को जानें की इजाजत दी है। म्यांमार से भागे हुए हिन्दू रिफ्यूजी इस समय बांग्लादेश के कॉक्स बाजार इलाकेक में बने हुए कैम्प में शरण लिए हुए हैं। बता दें यह इलाका म्यांमार बॉर्डर से ही लगा हुआ है। इस समय हालात इतनें बुरे हैं कि कहा नहीं जा सकता।
लोगों को पकड़कर ले गए और रेत दिया गला
लोगों को यह भी पता नहीं है कि जो उनके परिवार के सदस्य हिंसा प्रभावित इलाके राखिन में छूट गए थे वो अभी जिन्दा भी हैं या नहीं। रितिका धर नाम की एक महिला ने कुछ नकाबपोश हमारे गाँव में घुस आये। उन्होंने मेरे पति, भाइयों और कई पड़ोसियों को पकड़कर ले गए और उनका गाला रेत दिया। हत्या करनें के बाद आतंकियों ने टीब बड़े गड्ढे खोदे और लाशों को उसमें फेंक दिया। उनके हाथ पीछे से बंधे हुए थे और आँखों पर पट्टियाँ भी बाँधी गयी थी। महिला ने बताया कि किसी तरह से वह अपनी और बच्चों की जान बचाकर भागी और बांग्लादेश आ गयी।
निकाला जा चुका है 45 कंकालों को
चश्मदीदों ने बताया कि राखिन के ‘खा मौंग सेक’ गाँव में म्यांमार की फौजों ने सामूहिक कब्रों को खोज निकाला है। रविवार से लेकर बुधवार तक इन कब्रों से 45 कंकालों को निकाला जा चुका है, म्यांमार की आर्मी का यह कहना है कि 25 अगस्त को रोहिंग्या आतंकियों के एक गुट ने पुलिस स्टेशन पर भी हमला किया था। इस हमले में कुछ पुलिस वाले मारे गए थे। इसके बाद आतंकियों ने मासूम गाँव वालों को अपना शिकार बनाया इसके बाद सेना ने रोहिंग्या आतंकियों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया।
लोगों की हत्या करके लाशें फेंक दीं गड्ढे में
एक अन्य चश्मदीद प्रोमिला शील ने बताया कि, “मैनें अपनी आँखों से देखा कि 25 अगस्त को हमारे गाँव में काले कपड़े पहनें कुछ लोगों ने हमला कर दिया। उन लोगों ने गाँव वालों की पिटाई भी की। इसके बाद उन्हें बंधकर जंगला की तरफ ले गए। उसके बाद सबको धारदार हथियारों से काटकर मौत के घाट उतार दिया। प्रोमिला ने बताया कि कम से कम 100 लोगों हत्या कर के उन्हें गड्ढे में फेंक दिया। महिला ने कहा कि वह यह नहीं जानती की हमला किसनें किया। लेकिन एक बात तो तय है कि उनका निशाना हिन्दू ही थे।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features