प्रयागराज के फाफामऊ में दलित परिवार के चार लोगों की हत्या से पहले किस दरिंदगी भी की गई थी। मां और नाबालिक बिटिया दोनों की रेप के बाद गला दबाकर हत्या की गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैवानियत सामने आई है। आगे की जांच के लिए दोनों का वेजाइनल स्वाब सुरक्षित किया गया है।
फाफामऊ के गोहरी गांव में एक दलित परिवार के दंपती, उसकी नाबालिग बेटी और बेटे की बेरहमी से गुरुवार को हत्या हुई थी। कमरे के अंदर मां बेटी के कपड़े अस्त-व्यस्त मिले थे और उनकी स्थिति देखकर ही पीड़ित परिवार ने हत्या और गैंगरेप का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि चारों के सिर पर गंभीर जख्म के निशान मिले थे।
इसके साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि किशोरी के साथ पहले रेप किया गया। इसकी जांच के लिए भी आरोपियों के लार और अन्य चीजों को सुरक्षित किया गया है। यह भी बताया जा रहा है कि रेप के बाद गला दबाकर उसकी हत्या की गई थी। वहीं उसके भाई को नाक और मुंह दबाकर मारा गया था। इसके अलावा चारों के शरीर पर संभल और कुल्हाड़ी से हमला कर हत्या की गई थी।
शुक्रवार को पुलिस अभिरक्षा में चारों का पार्थिव शरीर गोहरी गांव लाया गया। अंतिम संस्कार की तैयारी से पूर्व ही महिलाएं आक्रोशित हो गईं। शव के चारों तरफ घेर कर बैठ गई और हंगामा करने लगीं। इस दौरान पूर्व मंत्री अंसार अहमद समेत आसपास के कई नेता भी पहुंच गए। पीड़ित परिवार का कहना है कि मृतक परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी, एक करोड़ रुपए मुआवजा, मृतक के भाइयों को शस्त्र का लाइसेंस और पांच बीघा जमीन दी जाए।
इसके साथ ही इस मुकदमे के नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर फास्ट कोर्ट की मदद से उन्हें सजा दिलाई जाए। महिलाओं ने मांग की कि आरोपियों का घर बुलडोजर से गिराया जाए। इसके बाद ही वह अंतिम संस्कार करेंगे। परिवार की मांग ने प्रशासन को परेशान कर दिया।
इसके बाद प्रशासन ने परिजनों को 16.50 लाख की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया। परिवार के पुरुष सदस्य का शस्त्र लाइसेंस बनेगा। परिवार की सुरक्षा के लिए पिकेट भी तैनात होगी। डीआईजी ने बताया 11 नामजद अभियुक्तों में से आठ गिरफ्तार हो चुके हैं। पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। इसके बाद परिवार अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुआ।
प्रियंका गांधी भी पहुंचीं, परिवार से मिलीं, सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शुक्रवार की दोपहर गोहरी गांव पहुंचीं। प्रियंका ने पीड़ितों से करीब चालीस मिनट तक बातचीत की। इस दौरान जमीन पर ही बैठकर प्रियंका ने उनकी बातें सुनीं। वहां से निकलने के बाद सरकार पर हमला बोला। प्रियंका गांधी ने कहा कि दलितों और किसानों पर हमले बढ़े हैं। सरकार कुछ कर नहीं पा रही है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि पूरा परिवार दहशत के साये में है। परिवार में केवल महिलाएं हैं। पुरुष झारखंड में मजदूरी करते हैं। इन महिलाओं को नहीं पता कि अकेले क्या करें। कोई भी आकर इन्हें परेशान कर सकता है। पुलिस ने इनकी मदद नहीं की। प्रियंका ने कहा कि दो पुलिस वालों को यहां से हटा दिया गया है। महिलाएं बताती हैं कि जब वे शिकायत करने जाती थीं तो पुलिसकर्मी उनका मजाक उड़ाते थे। प्रशासन इस पर चुप कैसे हो सकता है?