माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक पॉल एलेन पिछले तीन साल से एक अत्याधुनिक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. इस प्रोजेक्ट पर वो कैलिफॉर्निया के डेजर्ट में काम कर रहे थे. उन्होंने दुनिया का सबसे बड़ा एयरोप्लेन बनाया है. यह इतना बड़ा है कि इसे बनाने के लिए सरकार ने स्पेशल परमिट जारी किया था. यह भी पढ़े: Motorola ने आज लॉन्च किया ये स्मार्टफोन,जल्द ही ख़रीदे..
दुनिया के सबसे बड़े प्लेन में 385 फुट का विंगस्पैन लगया गया है. इतना ही नहीं इसमें Boig 747 में यूज होने वाला छह जेट इंजन भी लगाया गया है. यह 50 फुट उंचा है और यह 5 लाख पाउंड का लोड उठा सकता है. यह इतना बड़ा है कि इसे मूव करने के लिए इसमें 28 चक्के लगे हैं.
क्या यह पैसेंजर ले जाने के लिए बनाया गया है?
नहीं, दरअसल स्ट्रेटोलॉन्च नाम के इस एयरप्लेन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसके जरिए स्पेस में सैटेलाइट भी भेजे जा सकते हैं. यानी यह स्पेस में ज्यादा से ज्यादा सैटेलाइट ले जाएगा. एक देश से दूसरे देश नहीं, बल्कि यह स्पेस में जाएगा.
पॉल एलेन का यह बड़ा जहाज कई मायनों में अनोखा है. इसे एयरबोन रॉकेट लॉन्चर की तरह भी यूज किया जा सकेगा. यानी रॉकेट लॉन्च करने के लिए इस बड़े जहाज को इस्तेमाल किया जाएगा. आमतौर पर रॉकेट लॉन्च पैड से लॉन्च किए जाते हैं जिसमें काफी फ्यूल लगता है. लेकिन पॉल ऐलेन अपने इस जहाज से रॉकेट को हवा में ले जाएंगे और वहां से रॉकेट लॉन्च हो कर स्पेस तक जाएगा.
इसके लिए स्पेस एजेंसियों के साथ पॉल एलेन की कंपनी पार्टनर्शिप करेगी, ताकि उन्हें रॉकेट भेजने का कॉन्ट्रैक्ट मिल सके. अमेरिकी प्राइवेट स्पेस फ्लाइट कंपनी Orbital ATK ने पॉल एलेन की कंपनी के साथ Pegasus XL रॉकेट को लॉन्च करने के लिए पार्टनर्शिप किया है. Pegasus XL रॉकेट के जरिए स्पेस में छोटे सैटेलाइट भेजे जाते हैं.
संभवतः ये एयरक्राफ्ट सबसे पहले Pegaus XL को लॉन्च के लिए हवा में ले जाएगा. हालांकि इससे पहले इस एयरक्राफ्ट की टेस्टिंग होगी और फिलहाल इसे व्हील की टेस्टिंग और चेकअप के लिए पहली बार बाहर निकाला गया है. कंपनी ने कहा है कि इस एयरक्राफ्ट को बनाने के बाद यह ग्राउंड टेस्ट काफी गंभीर था. इस दौरान इंजन चालू किया गया, व्हील की जांच की गई और टैक्सी टेस्ट किया गया.