पांच माओवादी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी मामले में केंद्रीय मानवाधिकार आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजा है। मानवाधिकार आयोग के नोटिस में कहा गया है कि अखबारों में छपी खबरों से पता चला है कि मंगलवार को गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से पहले उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है। इससे गिरफ्तार लोगों के मानवाधिकारों का हनन हुआ है।
गौतम नवलखा का उल्लेख करते हुए नोटिस में लिखा गया है कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने का संतोषजनक कारण नहीं बता सकी है। आयोग ने फरीदाबाद से गिरफ्तार सुधा भारद्वाज का जिक्र करते हुए कहा है कि उन्होंने कोर्ट को बताया है कि उस घटना से उनका कोई मतलब नहीं है, जिसमें आरोपित बनाकर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। यहां तक कि उसकी प्राथमिकी में भी उनका नाम नहीं है।
सरकार ने कहा, गिरफ्तारी में नियमों का किया पालन
गिरफ्तारियों के बाद सरकार पर हो रहे चौतरफा हमलों का जवाब देते हुए महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने स्पष्ट किया है कि इन सबको नक्सल आंदोलन से संबंध रखने के कारण गिरफ्तार किया गया है। यदि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं होता, तो यह कार्रवाई नहीं की गई होती। गिरफ्तारी से पहले सभी आवश्यक नियमों का पालन किया गया है। केसरकर ने कहा कि हमने दक्षिणपंथी कट्टरवादी मिलिंद एकबोटे को भी गिरफ्तार किया है, क्योंकि उनका नाम भी भीमा कोरेगांव हिंसा में सामने आया था।