ये दोनों प्रकार के प्राकृतिक प्रभाव वाले पदार्थ प्राणियों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। जल बिना मानव जीवन की संभावना नहीं हो सकती, अत: ये दोनों ऊर्जा तत्व चीनी शास्त्र में फेंगशुई के नाम से जाने जाते हैं। फेंगशुई का शाब्दिक अर्थ होता है हवा एवं पानी। फेंगशुई में भवन,आवास, कार्यालय, फैक्टरी आदि के अंदर एवं बाहर के वास्तु दोषों को दूर करने के अनेक उपाय उपलब्ध है।
– भाग्य बदलने वाला कीट सिसाडा: फेंगशुई में सिसाडा को अमर बनाने वाला माना जाता है। इसे बुरे समय या भाग्य को बदलने वाला कीट कहते हैं। फेंगशुई विशेषज्ञों के मुताबिक इसे अपने घर में आगे की दो टांगों के जरिए लाल रिबन के माध्यम से लटकाना शुभ है। सिसाडा को खुशी और युवावस्था का सिंबल माना जाता है। युवाओं को सलाह है कि वे इसे अपने कार्यस्थल के पास जरूर रखें।
– पुराने ग्रंथों के अनुसार पूर्वी चीन में स्थित क्यू आई की रानी मृत्यु के बाद सिसाडा में तब्दील हो गई थी। इसके बाद से ही सिसाडा को ‘द गर्ल क्यूआई’ के नाम से जाना जाता है। इसको घर में रखने पर स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार कम से कम 7 सेंटीमीटरके आकार के सिसाडा को ही घर में लटकाना चाहिए।
– मंगलकारी हाथियों का जोड़ा: फेंगशुई में हाथी संतान संबंधी एवं मंगलकारी होते हैं। वैसे देखा जाए तो हिंदू धर्म में गणेशजी का मुंह हाथी का है और वे मंगलकारी हैं अत: जो दंपति नि:संतान की स्थिति में हैं, वे हाथियों का जोड़ा बेडरूम में बिस्तर के पास रख सकते हैं। वैसे यह जोड़ा सुख-समृद्धि का भी प्रतीक है। इसे घर में रखने से सुख-समृद्धि आती है।