मानव तस्करी, और बाल श्रम कराने वालों के खिलाफ अब एएचटी (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग) थाना में मुकदमा दर्ज होगा। रविवार को एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने पुलिस अस्पताल में खुले एएचटी थाना का शुभारंभ किया। चार साल पहले गोरखपुर में एएचटी थाना खोलने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन यह अस्तित्व में नहीं आया था।
23 जिलों में मिला है थाने का दर्जा
2016 में गोरखपुर समेत प्रदेश के 23 जिलों में मानव तस्करी की रोकथाम के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को थाने का दर्जा दे दिया गया था। लेकिन भवन न होने की वजह से कैंट थाने में मुकदमा दर्ज होता था। एसएसपी ने बताया कि मानव तस्करी से जुड़े अपराध का मुकदमा अब एएचटी थाने में दर्ज होगा। इसका कार्यक्षेत्र पूरा जिला होगा।
उल्लेखनीय है कि नेपाल से अक्सर मानव तस्करी कर गोरखपुर के रास्ते तस्कर निकल जाया करते थे। कभी कभार पकड़ भी लिए जाते रहे हैं। तब ऐसे मामले को पुलिस थाने में दर्ज कराया जाता था। अब गोरखपुर में थाना बन जाने से इस संबंधित समस्त मामलों का मुकदमा यहीं दर्ज किया जाएगा।
थाना भवन के लिए भूमि के लिए चल रह तलाश
एसएसपी ने बताया कि स्थायी भवन लिए भूमि की तलाश चल रही है। थाना निर्माण के लिए शासन से बजट स्वीकृत हो गया है। एसपी क्राइम अशोक वर्मा ने कहा कि एएचटी थाना खुलने से कार्रवाई और मुकदमे का निस्तारण करने में सहूलियत होगी।
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