भारत के पड़ोसी मुल्क चीन ने इस्लामी चरमपंथ से लड़ने के लिए कोई सैन्य अभियान नहीं चला रही बल्कि इसके लिए उसने एक अलग ही तरीका ढूंढ निकाला है. जानकारी के मुताबिक वह इस्लामी कैदियों का वैचारिक परिवर्तन कर रही है. बता दें कि चीन के शिविरों में रहे उमर बेकाली और अन्य बंदियों को अपनी इस्लामी मान्यताओं को छोड़ना पड़ा.
इसके बाद इन कैदियों को खुद की और अपने प्रियजनों की आलोचना करनी पड़ी और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की प्रशंसा करनी पड़ी. इन सब के लिए कैदियों को घंटों तक मानसिक यातना दी गई. एक कजाख मुस्लिम बेकाली ने आदेशों को मानने से इनकार किया तो उन्हें पांच घंटों तक एक दीवार पर खड़े होने के लिए मजबूर किया गया.
इतना ही नहीं इसके बाद चीन ने इसके एक सप्ताह बाद उन्हें काल कोठरी में भेज दिया गया जहां उन्हें 24 घंटे तक खाना नहीं दिया गया. भारी सुरक्षा वाले इस शिविर में 20 दिन के बाद वह खुद को खत्म करना चाहते थे.यहाँ बेकाली ने कहा,मनोवैज्ञानिक दबाव बहुत बड़ा है, जब आपको खुद की आलोचना करनी है और अपनी सोच की निंदा करनी है. बेकाली ने कहा, अब भी मैं हर रात,सूरज निकलने तक इस बारे में सोचता हूं.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features