भोपाल| मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के मामले में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती को सोमवार को बड़ी राहत मिल गई। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अजय वीर सिंह ने पूर्व में जारी वारंट को निरस्त करते हुए उन्हें जमानत दे दी है।
वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की ओर से दिग्विजय सिंह पर 1500 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था, जिस पर सिंह ने भोपाल की अदालत में उमा भारती सहित अन्य के खिलाफ मानहानि की याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई का दौर जारी है। इसी क्रम में 29 सितंबर को उमा भारती को न्यायालय में पेश होना था, मगर वह नहीं पहुंचीं। जब न्यायालय ने उमा भारती के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। सोमवार को उमा भारती न्यायालय में हाजिर हुईं।
उमा भारती ने संवाददाताओं को बताया कि उन्हें अपने अधिवक्ता के जरिए पता चला है कि न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह न्यायालय का सम्मान करती हैं, उनके लिए मंदिर व न्यायालय की चौखट एक समान है।
अधिवक्ता हरीश मेहता ने आईएएनएस को बताया कि उमा भारती ने न्यायालय को पिछली पेशी में न आ पाने की वजह बताई। 29 सितंबर को कावेरी विवाद की बैठक थी, लिहाजा वह सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर उस बैठक में उपस्थित थीं, इसलिए पेशी पर नहीं आ सकीं।
एडी सीजेएम अजय वीर सिंह ने उमा भारती की बात से सहमत होते हुए पूर्व में जारी वारंट को निरंस्त कर दिया।