बसपा सुप्रीमो मायावती सूबे की राजनीति में एक और नया पैंतरा अपना लिया है। मायावती ने कानपुर मंडल के जोनल कोआर्डिनेटर भीमराव अंबेडकर को राज्यसभा प्रत्याशी घोषित कर अपने भरोसेमंद कार्यकर्ता के रूप में उनकी छवि और मजबूत की है। बसपा की ओर से दो सत्रों में वह राज्यसभा के लिए तीसरे जाटव प्रत्याशी हैं। इससे साफ है कि पार्टी जाटव वोट बैंक को किसी भी सूरत में अपने पाले से छिटकने नहीं देना चाहती। भीमराव इटावा के रहने वाले हैं। वह लखना सीट से विधायक भी रह चुके हैं।
वर्ष-2017 के विधानसभा चुनाव में सुरक्षित सीट औरैया से वह बसपा प्रत्याशी रहे। इस चुनाव में 51718 मत पाकर वह दूसरे स्थान पर रहे। शुरू से ही बसपा सुप्रीमो के खास रहे हैं। बसपा की सरकार में उन्हें तवज्जो भी खूब मिलती रही है। भीमराव को प्रत्याशी बनाने से पहले बसपा पिछले सत्र में दो नेताओं को राज्यसभा भेज चुकी है। इनमें अशोक सिद्धार्थ और वीरसिंह शामिल हैं। इन दो नेताओं का कार्यकाल इसी माह खत्म हो रहा है।
यह दोनों भी जाटव बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं। उधर, राज्यसभा प्रत्याशी बनाए जाने पर बसपा जिलाध्यक्ष रामशंकर कुरील समेत राम नारायण निषाद और राजेश कमल आदि ने खुशी जाहिर की है।