लखनऊ. बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भ्रष्टाचार निरोधक संस्था ‘लोकपाल’ की स्थापना व उस पद पर नियुक्ति के सम्बन्ध में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले का स्वागत करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार को भ्रष्टाचार के विरूद्ध कड़ाई करने के मामले में अपनी ईमानदारी व नेक नीयत दिखाते हुये अब तत्काल देश में लोकपाल संस्था स्थापित करके प्रथम लोकपाल की नियुक्ति करनी चाहिये।
यह भी पढ़े- यूपी में बीफ बैन: एक लड़की को मिला ‘ट्रिपल तलाक’, दूसरी की टूट गई शादी
मायावती ने कहा कि खासकर केन्द्र सरकार के उच्च पदों पर भ्रष्टाचार के उन्मूलन के रुप में ‘लोकपाल’ जैसी संस्था स्थापित करने के लिये पूरे देश में एक आम राय बनी थी, जिसके फलस्वरुप ही सन् 2013 में लोकपाल कानून बनाया गया था, जो जनवरी सन् 2014 से लागू है परन्तु नरेन्द्र मोदी सरकार ने किसी-न-किसी बहाने से भ्रष्टाचार-विरोधी इस महत्वपूर्ण कानून को पिछले लगभग तीन वर्षों से पूरी तरह से ठण्डे बस्ते में डाल रखा है, जिस नकारात्मक प्रवृत्ति के खिलाफ माननीय उच्चतम न्यायालय का आज का फैसला काफी महत्वपूर्ण है और अब केन्द्र सरकार को बिना कोई देरी किये हुये इस मामले में सही कार्यवाही तत्काल प्रारम्भ कर देनी चाहिये।
यह भी पढ़े- GOOD NEWS: 66 हजार शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत, 6 हजार भर्तियां और होंगी
बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार अपने को ईमानदार और बाकी सभी को गलत व बेईमान जाहिर करने के लिये सत्ता के दुरूपयोग के साथ-साथ नई-नई साजिशें भी लगातार करती रहती है, परन्तु ‘लोकपाल’ बनाकर संस्थागत आधार पर भ्रष्टाचार से सामूहिक तौर पर लड़ने के मामले में हमेशा कन्नी काटती रही है, जिससे देश भर में सरकार की मंशा व ईमानदारी पर गंभीर सवाल उठना स्वाभाविक ही है और उसका निदान माननीय उच्चतम न्यायालय के आज के फैसले के बाद अवश्य ही हो जाना चाहिये, यह देशहित में बहुत जरूरी है। नरेन्द्र मोदी सरकार अब अपनी जिद व अहंकार को छोड़कर तत्काल माननीय न्यायालय के फैसले पर अमल करते हुये लोकपाल की नियुक्ति करें।