अमेरिका ने इमरजेंसी लगाने के मालदीव सरकार के फैसले पर निराशा और चिंता जताते हुए राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन से कानून का पालन करने की अपील की है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की भी अपील की है.
मालदीव में गहराते राजनीतिक संकट के बीच यामीन ने सोमवार को 15 दिन का आपातकाल लगा दिया. मालदीव की सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और विपक्ष के अन्य नेताओं की तत्काल रिहाई के आदेश के बाद देश में यह संकट उत्पन्न हुआ.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा, ‘अमेरिका, मालदीव के राष्ट्रपति यामीन द्वारा आपातकाल घोषित किए जाने की खबर से चिंतित और निराश है.’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति, सेना और पुलिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने में विफल रही, जो संविधान और कानून के शासन के खिलाफ है.
हीथर ने कहा, ‘अमेरिका राष्ट्रपति यामीन, सेना और पुलिस से कानून का पालन करने, सु्प्रीम कोर्ट और आपराधिक अदालत के फैसले को लागू करने, संसद की उचित कार्य प्रणाली सुनिश्चित करने और मालदीव के लोगों एवं संस्थाओं को संविधान में प्रदत्त अधिकारों को बहाल करने की मांग करता हैं.’
भारत-चीन ने अपने नागरिकों को किया अलर्ट
मालदीव में संकटपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारत और चीन ने नई एडवाइजरी जारी करते हुए सलाह दी है कि लोग इस देश में फिलहाल के लिए यात्रा टाल दे.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि जरुरी नहीं होने पर मालदीव की राजधानी माले की यात्रा करने से बचें. 15 दिनों के लिए आपातकाल लागू किए जाने के बाद पूरे देश में तनाव का माहौल बन गया है. इस समय माले और द्वीप समूह के बाकी जगहों पर तनाव बरकरार है.
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