यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि बच्चे ऑक्सीजन की वजह से नहीं बल्कि गंदगी और बीमारियों से मरे हैं. वहीं उनके स्वास्थ्य मंत्री कह रहे हैं कि ऐसा नहीं है कि उनकी सरकार इन मौतों पर संवेदनशील नहीं है. अस्पताल में तो बच्चे ऑक्सीजन की कमी से घुट-घुटकर मर ही गए लेकिन अब इन नेताओं के बोल सुनने के बाद ये यकीन सा होने लगा है कि इनमें से भी किसी के पास अब शायद ज़मीर की ऑक्सीजन नहीं बची है.
अगस्त में होती ही है बच्चों की मौत
यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि अगस्त में तो बच्चे मरते ही हैं. इसमें नई बात क्या है. मौत के आंकड़ों में घुमाते-घुमाते मंत्री बता गए कौन कब किस महीने में मरता है. चलिए आकड़ों से ही खेल लीजिए लेकिन ये तो बता दीजिए कि जब पता ही था कि अगस्त में बच्चे मरेंगे तो उन्हें मरने से बचाने के लिए आपने क्या किया? आप राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हैं. राज्य की जनता के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी आप पर है. बीमारी का इलाज ना सही सांसों के सिलेंडर का तो इंतजाम कर देते.