बेहद रोमांचक मुकाबले में इंग्लैंड ने महिला विश्व कप फाइनल में भारत को 9 रनों से मात दे दी। इसी के साथ इंग्लैंड की टीम ने खिताब पर कब्जा कर लिया। एक वक्त पर भारत को जीतने के लिए सिर्फ 38 रनों की जरूरत थी और उसके हाथ में थे 7 विकेट। लेकिन पूनम राउत, हरमनप्रीत कौर और वेदा कृष्णामूर्ति के बाद कोई भी भारतीय खिलाड़ी टिककर नहीं खेल पाई और ताश के पत्तों की तरह पूरी टीम 219 रनों की सिमट गई। हार के बाद पोस्ट मैच सेरीमनी में कप्तान मिताली राज ने कहा कि इंग्लैंड के लिए यह आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने अंत तक खुद पर काबू रखा। वह उन नाजुक मौकों पर अच्छा खेले, जिन्होंने मैच का रुख मोड़ दिया। मुझे अपनी टीम पर गर्व है। उन्होंने किसी भी टीम को आसानी से जीतने नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी टीम दबाव में अच्छा नहीं खेल पाई।
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मैच में 17 रन बनाने वाली मिताली ने कहा कि हमारी बल्लेबाजी में थोड़ी अनुभव की कमी थी और अंतिम ओवरों में हम अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर पाए। मुझे उम्मीद है कि यह अनुभव उन्हें आगे मदद करेगा। मिताली राज ने कहा कि वह कुछ और साल क्रिकेट खेलेंगी, लेकिन वह अगले विश्व कप में नजर नहीं आएंगी। मिताली अब तक 5 वर्ल्ड कप खेल चुकी हैं, जिसमें 2005 का टूर्नामेंट भी शामिल है। इसमें भी भारतीय टीम रनरअप रही थी। रविवार का मैच राज के लिए वर्ल्ड कप जीतने का अंतिम मौका था, लेकिन यह पूरा नहीं हो पाया।
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रविवार को महिला विश्व कप के फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए नताली स्काइवर के 51 रन और सारा टेलर के 45 रनों की मदद से निर्धारित 50 ओवरों में सात विकेट खोकर 228 रन बनाए थे। भारतीय महिला टीम एक समय तक इस लक्ष्य को हासिल करती दिख रही थी, लेकिन अंत में इंग्लैंड ने लगातार विकेट लेते हुए उसे ऐतिहासिक जीत से महरूम रखा और भारत के हाथ से जीता-जीताया मैच छीन लिया। भारत के लिए सलामी बल्लेबाज पूनम राउत ने सार्वधिक 86 रन बनाए जबकि सेमीफाइनल में शताकीय पारी खेलने वाली हरमनप्रीत कौर ने 51 रनों का योगदान दिया। इन दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 95 रनों की साझेदारी की। अंत में वेदा कृष्णामूर्ति ने 35 रनों का पारी खेलते हुए टीम को जीत दिलाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाईं।