प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल पहुंच गए हैं. उन्होंने मंगलवार को अपने इस्राइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच जबरदस्त दोस्ती दिखी. वहीं पीएम मोदी भी नेतन्याहू के लिए कई तरह के तोहफे लेकर गए. पीएम मोदी ने केरल से ले जाए ऐतिहासिक अवशेषों के दो सेटों के प्रतिरूप भेंट किए, ये सेट भारत में यूहदी धर्म के लंबे इतिहास से जुड़े पुरावशेष हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी ट्वीट में कहा गया कि इस भेंट में तांबे की प्लेटों के दो अलग-अलग सेट थे. ऐसा माना जाता है कि इन्हें नौवीं-दसवीं सदी में अंकित किया गया था. तांबे की प्लेटों का पहला सेट भारत में कोच्चि के यहूदियों की निशानी है. समझा जाता है कि इसमे हिंदू राजा चेरामन पेरूमल द्वारा यहूदी नेता जोसेफ रब्बन को अनुवांशिक आधार पर दिए गए विशेषाधिकारों का वर्णन है.
यहूदियों के पारंपरिक दस्तावेजों के अनुसार कि बाद में जोसेफ रब्बन को शिंगली का राजकुमार बना दिया गया था. शिंगली एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है जो कोदन्गुल्लूर के समकक्ष होता है. कोदन्गुल्लूर वह स्थान है, जहां यहूदी लोग सदियों तक धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्वाय का आनंद लेते रहे हैं. इसके बाद वे कोचीन और मालाबार के अन्य स्थानों पर चले गए थे. इन प्लेटों के प्रतिरूप कोच्चि स्थित परदेसी सिनगॉग के सहयोग से हासिल किए गए.
वहीं तांबे की प्लेटों का दूसरा सेट भारत के साथ यहूदियों के व्यापार के इतिहास का प्राचीन दस्तावेजीकरण है. ये प्लेटें स्थानीय हिंदू शासक द्वारा चर्च को दिए गए जमीन और कर संबंधी विशेषाधिकारों के बारे में बताती हैं. इसके अलावा ये कोल्लम से पश्चिमी एशिया के साथ होने वाले व्यापार और भारतीय व्यापार संघों का भी वर्णन करती हैं. इन प्लेटों का प्रतिरूप हासिल करना केरल के तिरूवला स्थित मालंकर मार थोमा सीरियन चर्च के सहयोग से संभव हुआ.