मिलावटी चीजों में रसायनिक पदार्थ मिले होते, गर्भवती महिलाओं को ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत..
त्योहारी सीजन में मिलावटी चीजें खाने से किडनी से लेकर मस्तिष्क तक पर बुरा असर पड़ता है। किडनी व लीवर में सूजन आने के साथ दिमाग तक प्रभावित होने लगता है। सफदरजंग अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्टर जुगल किशोर का कहना है कि मिलावटी खाने का सबसे पहला असर हमारी पाचन क्रिया पर पड़ता है। मिलावटी चीजों में रसायनिक पदार्थ मिले होते है। जब यह खून में मिलते है तो स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है। गर्भवती महिलाओं को ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत होती है।
मुंह से लेकर बड़ी आंत तक जलन-
डॉक्टर किशोर का कहना है कि मुंह से लेकर बड़ी आंत और गुदे में जलन महसूस होती है। सूजन आती है। रक्तस्राव होने लगता है। उल्टी, दस्त, सिरदर्द, चक्कर आना जैसे लक्षण दिखाई देते है। यहां तक कि पीलिया और टाइफाइड भी हो जाता है। यूरिन में जलन और ठीक से नहीं आने की परेशानी महसूस होती है।
मिलावटी खाने की पहचान मुश्किल-
डॉ. किशोर बताते हैं कि मिलावटी खाने की पहचान मुश्किल है। लेकिन जब आपको किसी उत्पाद का स्वाद सामान्य से अलग लगे तो समझ लीजिए कि उसमें कुछ मिला हुआ है। अगर कुछ अटपटा लगे तो शिकायत जरूर करें। त्यौहार के समय मिठाईयां खाने और बाहर खाने-पीने से बचना चाहिए। उपहार में फल भेंट किए जाने चाहिए।
मिलावटी खाना खाने के प्रमुख लक्षण-
– अचानक पेट दर्द शुरू होना
– पाचन तंत्र अचानक खराब होना
– सिर में दर्द, आंखों में जलन
– आंतों में मरोड़ के साथ दर्द
– डायरिया और उल्टी होने लगना
मिलावटी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से किस अंग पर पड़ता है क्या असर-
इंग्लैंड की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के फूड एक्सपर्ट प्रोफेसर चार्ल्स स्पेंस का कहना है, हम जो भी खाना खाते हैं उसके भीतर मौजूद तत्व रक्त में जाता है। खाना मिलावटी है तो रक्त से उसमें मौजूद दूषित तत्व शरीर के सभी हिस्से तक पहुंचता है, जिससे सेहत प्रभावित होती है।
किडनी- मिलावटी खाद्य पदार्थ रक्त के जरिए शरीर में जाता है तो किडनी उसे रक्त से अलग करने का काम करती है। हानिकारक तत्व किडनी के भीतरी हिस्से को क्षतिग्रस्त करता है।
पेट- मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने से पेट और आंतों को नुकसान होता है। केमिकल और दूषित तत्व पेट के साथ आंतों की बाहरी और भीतरी दीवार को नुकसान पहुंचाने का काम करता है।
हृदय- शरीर में रक्त प्रवाह का काम हृदय का होता है। मिलावटी खाना खाने के कारण रक्त के जरिए दूषित तत्व हृदय तक पहुंचता है। हृदय के काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।
मस्तिष्क- मिलावटी खाद्य पदार्थ से तत्काल सीधे मस्तिष्क को होने वाले नुकसान का पता नहीं चलता है। धीरे-धीरे व्यक्ति में इसके लक्षण चक्कर के रूप में आते हैं।
खुद भी कि जा सकती है मिलावट की जांच-
1. दूध: दूध की एक-दो बूंद एक सतह पर डालें। दूध आसानी से बह जाए और पीछे पानी जैसी लकीर बने तो दूध में पानी की मिलावट है।
2. दाल: एक चम्मच दाल में एक चम्मच पानी और कुछ बूंद हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की डालें। रंग मिला होने पर इससे गुलाबी रंग निकलेगा।
3. घी: एक चम्मच घी में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल या आयोडिन मिलाएं। रंग बदलने पर घी में मिलावट होने की पूरी संभावना है।
4. हल्दी: पांच बूंद पानी और पांच बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मिलाएं। अगर पाउडर में मिलावट होगी तो उसका रंग बैंगनी या गुलाबी हो जाएगा।
5. चीनी: दो चम्मच शक्कर को एक कप पानी में डालकर गर्म करें। यदि इसमें चाक पाउडर होगा तो नीचे दिखने लगेगा।
6. तेल: पांच एमएल खाद्य तेल में पांच एमएल नाइट्रिक अम्ल मिलाकर हिलाएं। तेल कर रंग हल्का भूरा होता है तो इसमें मिलावट है।