उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के सामने कई चुनौतियां हैं। पिछले लगभग एक दशक से यूपी विकास की रेस में देश के बाकी राज्यों की तुलना में काफी पिछड़ गया है। समाजवादी और बसपा की सरकारों ने कोशिश तो की लेकिन वो प्रदेश को विकास के रास्ते पर नहीं डाल पाए। लोकलुभावन योजनाओं के नाम पर जनता का मत हासिल करने की नीति के कारण ही प्रदेश आज विकास के पायदान में निचले स्थानों पर दिखाई दे रहा है। प्रदेश सरकार की कई नीतियों में बदलाव की जरूरत है। यही कारण है कि सीएम योगी खुद रात के एक -एक बजे तक काम करते हैं। आधी रात को मंत्रियों के साथ बैठक करते हैं। अधिकारियों को हिदायत देते हैं। साफ है कि वो प्रदेस का काया कल्प करने का संकल्प पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं.
सीएम योगी के बड़े ऐलान
सीएम योगी ने अभी तक कई ऐसे फैसले लिए हैं जिनका जनता ने स्वागत किया है। किसानों की कर्ज माफी। 24 घंटे बिजली देने का फैसला और भी तमाम फैसले लिए हैं। अब उनका एक और फैसला चर्चा का विषय बनने वाला है। योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से प्रदेश में शराबबंदी को लेकर आवाजें उठने लगी हैं। हाल ही में यूपी कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने भी कहा था कि प्रदेश में शराब बंद होगी लेकिन धीरे धीरे। उसी दिशा में अब योगी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। अगर हिंदुस्तान टाइम्स की खबर की माने तो प्रदेश सरकार ने अवैध शराब से होने वाली मौतों को रोकने के लिए आबकारी कानून में संशोधन करने का फैसला लिया है। आबकारी कानून में संशोधन करके दंड प्रक्रिया को और कड़ा करने वाली है योगी सरकार।
इसके बाद अगर शराब पीने से किसी की मौत होती है तो दोषी को उम्र कैद या फिर मौत की सजा हो सकती है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में अभी तक अंग्रेजों का बनाया उत्तर प्रदेश आबकारी अधिनियम 1910 ही जारी है। इसी के तहत शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। इस कानून के तहत जुर्माना लगाया जाता है। लेकिन जुर्माने की रकम काफी कम है। पहले की सरकारों ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया। अब योगी सरकार इसमें बदलाव की सोच रही है। नियमों को और सख्त करने की चर्चा भी हो रही है। गौरतलब है कि प्रदेश के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह 18 अप्रैल को सीएम योगी के सामने अपने विभाग की प्रेजेंटेशन के दौरान इस प्रस्ताव को भी पेश कर सकते हैं।
उनके प्रस्ताव के मुताबिक एक्ट की धारा तीन, 50 से 55, 60 से 69ए सहित 71 तक, 74 और 74ए में बदलाव के साथ साथ कुछ नई धाराएं जोड़ने की चर्चा भी हो सकती है। वहीं शराब तस्करी की सजा में भी फेरबदल किया जा सकता है। शराब तस्करी में जेल की सजा को बढ़ाकर एक साल, दो साल, तीन साल तक करने का प्रस्ताव है। इसी के साथ अवैध शराब से किसी की मौत होने पर दोषी को उम्र कैद से लेकर मौत की सजा तक के प्रावधान को शामिल किया जा सकता है। इसके साथ ही अगर कोई शख्स शराब तस्करी कर रहा है तो उसे शराब तस्करी से निकाल कर दूसरे धंधों के प्रति प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही उसे आर्थिक मदद भी दी जाएगी। उसके बाद भी अगर वो शख्स नहीं माना और तो उसे मौत की सजा तक का प्रावधान शामिल किया जा सकता है। तो राज्य के जितने भी शराब तस्कर और अवैध शराब का कारोबार करने वाले लोग हैं वो अब सावधान हो जाएं और समय रहते अपना धंधा बदल लें।