
मोदी जी का राष्ट्र के नाम संदेश, बेटी नहीं बचाओगे तो बहू कहां से लाओगे
नायडू समिति ने बैंकों से 50,000 रुपये व उससे अधिक की नकद निकासी पर कैश ट्रांजैक्शन टैक्स लगाने का सुझाव दिया है। समिति ने दुकानदारों द्वारा कार्ड भुगतान पर काटे जाने वाले मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को समाप्त करने का भी सुझाव दिया है, ताकि डिजिटल भुगतान को नकदी लेनदेन से सस्ता बनाया जा सके। साथ ही केवाईसी के लिए आधार कार्ड को पहचान के लिए प्राथमिक दस्तावेज के तौर पर मानने की सिफारिश भी की गई है।
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ऐसा माना जा रहा है कि भारत को कैशलेस राष्ट्र बनाने के लिए मोदी सरकार आगामी बजट में समिति की सिफारिशों को कुछ संशोधनों के साथ स्वीकार करने का एलान कर सकती है। नायडू समिति ने सिफारिश की है कि 1,54,000 डाकघरों में इंटर पोर्टेबल आधार पर एटीएम मशीन लगाई जाए।
आधार कार्ड से संबंधित बायोमेट्रिक, फिंगर प्रिंट की सेंसर मशीन खरीदने के लिए 50 फीसदी सब्सिडी देने की सिफारिश भी की गई है। नायडू ने यह भी सुझाव दिया है कि सभी डिजिटल ट्रांजेक्शन का बीमा हो, ताकि कैशलेस तरीका अपनाने वाले लोगों के पैसे सुरक्षित रहें।
कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि नायडू समिति की यह सिफारिश उलझन भरी है। इससे लोगों में उलझन बढ़ेगी और नोटबंदी से पहले से परेशान लोगों की तकलीफ भी बढ़ेंगी। चुनाव से पहले की यह सिफारिश बहुत गलत है। सरकार को लोगों की मुसीबतें बढ़ाने के बजाय कम करने की ओर ध्यान देना चाहिए।
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