लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ‘क्लीन यूपी-ग्रीन यूपी’ अभियान अब दूसरे प्रदेशों को भी भाने लगा है। महादेव की नगरी काशी की साफ-सफाई, आंध्र प्रदेश सरकार को इतनी भायी कि मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी अपने प्रदेश में भी काशी की स्वच्छता प्रणाली को लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जगनमोहन ने अपने प्रमुख सचिव प्रवीण प्रकाश को काशी आकर यहां के सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था का अध्ययन करने का निर्देश दिया है। रेड्डी के निर्देश पर प्रवीण प्रकाश 28-29 नवंबर को इस बाबत वाराणसी आएंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र भेजकर आंध्र प्रदेश सरकार ने ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम अंतर्गत बनारस में हुए कार्यों की तारीफ की है। आंध्र प्रदेश सरकार अपने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट प्रबंधन की योजना शुरू करने की तैयारी में है। ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के तहत वाराणसी में इस क्षेत्र में शानदार काम हुआ है, ऐसे में आंध्र प्रदेश के अधिकारी विभिन्न मानकों पर वाराणसी में हुए काम का अध्ययन करने के लिए दो दिनी वाराणसी दौरे पर आ रहे हैं। स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर आंध्र प्रदेश के अधिकारी ‘बनारस प्रणाली’ का अध्ययन करेंगे।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र ‘काशी’ में नमामि गंगे कार्यक्रम अंतर्गत हुए कार्यों की देश-विदेश में खूब सराहना मिल रही है। अविरल और निर्मल गंगा के लिए प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संकल्पित हैं। माँ गंगा में प्रवाहित प्रदूषण को रोकने के लिए और घाटों को स्वच्छ बनाने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण के साथ कार्य किया जा रहा है। सीवेज उपचार संयंत्रों से घाटों की स्थिति सुधारने और गंगा नदी के सतह की सफाई करने के लिए काशी में समयबद्ध तरीके से अनेक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि इस पावन नदी को प्रदूषण से मुक्त बनाया जा सके। गंगा नदी में तैरते हुए कचरे की समस्या को दूर करने के लिए भी नियोजित प्रयास किए गए हैं।
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काशी में तिरुपति तिरुमला देवस्थानं द्वारा होगी मन्दिर की स्थापना
आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मन्दिर ट्रस्ट महादेव की नगरी काशी में एक मंदिर की स्थापना के लिए प्रयासरत है।तिरुपति तिरुमला देवस्थानं ट्रस्ट की ओर से प्रस्तावित यह मंदिर करीब 05 एकड़ में होगा, जिसके लिए आंध्र प्रदेश के अधिकारी 28-29 नवम्बर को वाराणसी भ्रमण के दौरान भूमि की तलाश भी करेंगे।