देहरादूनः उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में बच्चों पर तेंदुए के हमले की घटनाओं के मद्देनजर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अधिकारियों की एक बैठक ली और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्य योजना पर काम करने के निर्देश दिए।
राजपुर क्षेत्र में चीड़ों वाली खाला क्षेत्र में रिस्पना नदी के पास जंगल में रविवार की शाम तेंदुए ने हमला कर 12 वर्षीय एक बालक को घायल कर दिया था। निखिल थापा नाम के इस बालक को उसके साथियों ने किसी तरह से तेंदुए के पंजे से छुड़ाया लेकिन उसके सिर के पीछे चोट आई है। बालक का अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। एक पखवाड़े पहले इसी क्षेत्र के सींगली गांव में तेंदुआ चार साल के अयांश नाम के बालक को उसके घर के पीछे से उठा ले गया था और अगले दिन उसका अधखाया शव बरामद हुआ था। इन घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव (वन) आर के सुधांशु को ये भी निर्देश दिए कि इस तरह की घटनाओं को रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई भी की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जाएं और रात्रि गश्त की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिन क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं हो रही हैं, उन क्षेत्रों में वन विभाग को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा जाए।
धामी ने अधिकारियों से कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष में मृत्यु होने पर मृतक के परिवारजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को चार लाख रुपए से बढ़ाकर छह लाख रुपए करने का प्रस्ताव भी जल्द लाया जाए। उन्होंने नए वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर बनाने के साथ ही राज्य में धारण क्षमता से अधिक जानवर होने की स्थिति में अन्य राज्यों से जानवरों के लिए आ रही मांग की भी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा। रविवार शाम की घटना के बाद वन विभाग और पुलिस की टीमें प्रभावित क्षेत्र में सायरन बजाते हुए वाहनों से गश्त कर रही हैं। इसके अलावा, लाउडस्पीकरों के जरिए आस-पास के लोगों को सावधानी बरतने की सलाह भी दी जा रही है। तेंदुए को पकड़ने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।