उत्तराखंड में बहुत सारे लोक पर्व मनाए जाते हैं। उन्हीं में से एक पर्व है हरेला पर्व जिसे प्रकृति पर्व भी कहते हैं। हरेला पर्व प्रकृतिक सुरक्षा का उत्सव मनाता है। इस साल यह 16 जुलाई को मनाया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री धामी ने जिला प्रशासन को हरेला पर्व को भव्य रूप से मनाने के निर्देश दिए हैं। 16 जुलाई से 15 अगस्त तक बड़े पैमाने पर पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा। जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान से निपटना है।
पांच लाख पौधे लगाने का लक्ष्य
पौधारोपण अभियान के तहत प्रशासन ने पांच लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। मुख्य कार्यक्रम हरेला के दिन जिला जजी परिसर के पास होगा। बागेश्वर जिले में राज्य सरकार और प्रशासन एक नया कार्यक्रम आरंभ करेगा, जिसके तहत प्रत्येक परिवार को दो फलदार पौधे मुफ्त बांटे जाएंगे। परिवारों को न केवल पौधे दिए जाएंगे, बल्कि उन्हें पेड़ बनाने का संकल्प भी दिलाया जाएगा।
हरेला पर्व की थीम “पर्यावरण की रक्षा, हर घर में हरियाली, समृद्धि और खुशहाली लाना” है। बागेश्वर की जिलाधिकारी अनुराधा ने भावी पीढ़ी के लिए स्वच्छ पर्यावरण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पर्यावरण मिलना चाहिए। इसके लिए सभी को पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देना होगा।
उद्यान और वन विभाग ने तैयार किए पौधे
उद्यान और वन विभाग ने वितरण के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे तैयार किए हैं। इनमें उद्यान विभाग की नर्सरी से आम, माल्टा, नींबू, संतरा, अनार, लीची और वन विभाग की नर्सरी से ओक, उत्तीस, नीम, आंवला शामिल हैं।