‘बसपा से गठबंधन का संकेत देकर मुख्यमंत्री अखिलेश ने मतगणना से पहले ही सपा की पराजय और भाजपा की विजय स्वीकार कर ली है। कमल ही कमल खिलेगा।’
‘प्रदेश के मतदाताओं को भाजपा के कार्यकर्ताओं पर पूर्ण विश्वास है। उन्होंने सपा बसपा कांग्रेस की तिकड़ी को सुशासन और विकास के लिए नकार दिया है।’
‘सरकार जब अपराधियों की संरक्षक पुलिस प्रशासन असहाय जनता भयग्रस्त हो उसे शासन नहीं कुशासन कहा जाता है 14 वर्ष से यूपी यह पीढ़ा सहता रहा है।’
‘एग्जिट पोल पर सवाल उठाने वाले सपा बसपा कांग्रेस के लोग यूपी में आने वाले परिणामों से डर गए बीजेपी के पक्ष में हवा नहीं आंधी चल रही है।’
‘यूपी में सुशासन के लिए लोगों ने माननीय नरेंद्र मोदी जी को मजबूत बनाने और विकास के लिए कमल को खिलाया है एसपी-बीएसपी साफ हो जाएगी।’
बता दें कि एक इंटरव्यू के दौरान अखिलेश ने कहा था, हम राष्ट्रपति शासन नहीं चाहेंगे। कोई भी दोबारा चुनाव नहीं चाहता है। उनसे जब बार-बार पूछा गया कि गठबंधन न मिला तो क्या करेंगे इस पर उन्होंने बीजेपी को रोकने के लिए बसपा से गठजोड़ का संकेत दिया था।
गौरतलब है कि केशव मौर्य पहले भी ट्विटर पर अखिलेश पर निशाना साध चुके हैं। बीते दिनों उन्होंने ट्वीट किया था कि अखिलेश गंगा की कसम खाकर कहें कि गायत्री प्रजापति उनके घर पर नहीं छिपे हैं। इस बारे में जब अखिलेश से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने जवाब दिया था कि वह (केशव मौर्य) भी ट्वीट करने लगे हैं। उनसे पहले ट्वीट की हिंदी पूछकर आइए।