दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसुलूकी व मारपीट मामले में उत्तरी जिला पुलिस अब आरोप पत्र तैयार करने में जुट गई है। आरोप पत्र में पुलिस आपराधिक साजिश रचने को मुख्य आधार बनाएगी। जून के दूसरे हफ्ते में पुलिस तीस हजारी कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर देगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि आरोपितों को सजा दिलाने के लिए पुलिस ने पर्याप्त सुबूत जुटा लिए हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोप पत्र में दिल्ली पुलिस द्वारा बताया जाएगा कि मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ने अपने 11 विधायकों व अन्य के साथ मिलकर साजिश रची, इसके बाद 19 फरवरी की आधी रात 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पर बैठक बुलाई गई और उसमें वारदात को अंजाम दिया गया।
अंशु प्रकाश के साथ मारपीट की घटना से पहले केजरीवाल के घर पर किसी मसले पर कभी भी आधी रात 12 बजे बैठक नहीं बुलाई गई है। एडिशनल डीसीपी हरेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक, इस मामले में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, बैठक में मौजूद आम आदमी पार्टी (आप) के 11 विधायकों, केजरीवाल के सलाहकार रहे वीके जैन, निजी सचिव विभव कुमार, आप कार्यकर्ता विवेक कुमार, मुख्य सचिव के पीएसओ व चालक से पूछताछ हो चुकी है।
अब इनसे दोबारा पूछताछ नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि केवल मुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार वीके जैन ने मजिस्ट्रेट के सामने घटना की सच्चाई बताई, बाकि पुलिस पूछताछ के दौरान सभी ने अंशु प्रकाश के साथ बदसलूकी व मारपीट से इन्कार किया है।
चार्जशीट दायर होने के बाद जैन पुलिस के लिए सरकारी गवाह बन सकते हैं। पुलिस अधिकारी का कहना है चार्जशीट दायर होने से पहले सीसीटीवी कैमरे की फोरेंसिक लैब से रिपोर्ट भी आ जाएगी।
घटना के बाद मुख्यमंत्री आवास में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच करने पर पता चला था सात कैमरे बंद थे। इनमें जिस हॉल में बैठक हुई थी उसमें लगे सीसीटीवी कैमरे भी शामिल हैं। जो 14 कैमरे ठीक थे, उनकी रिकार्डिंग की टाइमिंग 40 मिनट 42 सेकेंड पीछे थी।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features