- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
- कन्याओं के हाथ पीले कर योगी सरकार स्थापित करेगी नया कीर्तिमान
- सीएम योगी का महादान, 3,500 बेटियों का करेंगें कन्यादान
लखनऊ, मार्च। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्व और त्योहारों को नारी शक्ति के साथ जोड़ते हुए शारदीय नवरात्र पर प्रदेश में मिशन शक्ति की शुरूआत की। बेटियों और महिलाओं के चौमुखी विकास के लिए उनकी सुरक्षा, शिक्षा, स्वावलंबन, सम्मान, सेहत को केन्द्रित करते हुए योगी सरकार की योजनाओं से प्रदेश की आधी आबादी को प्रोत्साहन मिल रहा है। प्रदेश में निर्धन वर्ग का मनोबनल बढ़ाने व उनकी बेटियों के विवाह के लिए बेटियों का कन्यादान करने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरूआत की। योगी सरकार महादान का कार्य करते हुए इस योजना के तहत अब तक प्रदेश में डेढ़ लाख से अधिक बेटियों का विवाह संपन्न कराया जा चुका है।
प्रदेश में योगी सरकार निर्धन परिवारों की कन्याओं के हाथ पीले कराने का एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रही है। आगामी 18 मार्च को राजधानी लखनऊ में सबसे बड़े सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाएगा। जिसमें 3,500 बेटियों का विवाह होगा। इससे पहले मुरादाबाद में 2,754 जोड़ों की शादी इस योजना के तहत कराई जा चुकी है। उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड इस कार्यक्रम में पधारने वाले लोगों की मेजबानी करेंगें तो वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व श्रममंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या जोड़ों को आर्शीवाद देंगें।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत होने वाले इस वैवाहिक कार्यक्रम में लखनऊ, लखीमपुरखीरी, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली, हरदोई व बाराबंकी जिले के निर्धन परिवारों का पंजीयन किया गया है। इस योजना के तहत पंजीकृत कन्याओं के विवाह के लिए सरकार 55 हजार रुपए, विकलांग के लिए 61 हजार और 75 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देती है। इस सामूहिक विवाह में दो करोड़ 10 लाख रुपए की राशि खर्च करने की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश में 1.5 लाख से अधिक बेटियों का हुआ सामूहिक विवाह
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अब तक योगी सरकार ने 1.5 लाख से अधिक बेटियों का विवाह संपन्न कराया है। श्रम विभाग की ओर से निर्माण श्रमिक पुत्री विवाह अनुदान योजना के तहत अब तक प्रदेश में 1 लाख 15 हजार विवाह भी कराए जा चुकें हैं। श्रम विभाग के अपर श्रमायुक्त बीके राय ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से प्रदेश के निर्धन वर्गों को सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में रजिस्टर्ड श्रमिकों की संख्या 46 लाख है।